नई दिल्ली : फियो के अध्यक्ष, एस सी रल्हन ने कहा कि चालू वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही, जो एक बार फिर हमारी अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित मज़बूती और लचीलेपन को दर्शाती है। ऐसे समय में जब वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं और टैरिफ़ युद्धों से जूझ रहा है, भारत के जीवंत घरेलू बाजार ने एक मज़बूत सहारा प्रदान किया है, जिससे उपभोग और निवेश में निरंतर गति सुनिश्चित हुई है।
फियो अध्यक्ष ने कहा कि यह प्रभावशाली प्रदर्शन न केवल मज़बूत घरेलू माँग का, बल्कि हाल के वर्षों में किए गए संरचनात्मक सुधारों- जीएसटी युक्तिकरण और बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने से लेकर डिजिटलीकरण और वित्तीय समावेशन तक – का भी प्रतिबिंब है जिनके अब ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं। जहाँ निर्यातकों को प्रमुख बाज़ारों में टैरिफ़ संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं नए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के माध्यम से घरेलू समावेश और विविधीकरण के बीच संतुलन बनाने की भारत की क्षमता एक अद्वितीय रणनीतिक लाभ प्रदान करती है। साथ ही, विनिर्माण, सेवा और कृषि जैसे क्षेत्र नई गतिशीलता दिखा रहे हैं, जिसे व्यापार सुगमता में सुधार और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए सरकारी पहलों का समर्थन प्राप्त है।
श्री रल्हन ने कहा कि विकास की यह गति इस तथ्य को रेखांकित करती है कि भारत न केवल वैश्विक चुनौतियों का आत्मविश्वास के साथ सामना कर रहा है, बल्कि वैश्विक आर्थिक विस्तार के एक प्रमुख चालक के रूप में भी अपनी स्थिति बना रहा है। भविष्य की ओर बढ़ते हुए, हमारा ध्यान व्यापार इको सिस्टम को और मज़बूत करने पर होगा ताकि निर्यातक रोज़गार सृजन और समावेशी विकास में सार्थक योगदान देते रहें।

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