कोयला भवन मुख्यालय  में ‘कोल वर्कशॉप 2025’ का शुभारंभ

सीएमडी बीसीसीएल ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन । महानिरीक्षक (सीआईएसएफ)  दीपक वर्मा सहित सीआईएसएफ एवं बीसीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी हुए शामिल

धनबाद।बीसीसीएल एवं केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) बीसीसीएल यूनिट, धनबाद के संयुक्त तत्वावधान में आज कोयला भवन मुख्यालय में दो दिवसीय ‘कोल वर्कशॉप 2025’ का शुभारंभ हुआ। 15 और 16 दिसंबर को आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य कोयला और खनन क्षेत्र में सतत विकास, सुरक्षा, तकनीकी नवाचार, पर्यावरणीय संतुलन, भ्रष्टाचार-निवारण, आपदा प्रबंधन और निगरानी प्रणाली के आधुनिकीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सामूहिक विचार-विमर्श और रणनीतिक दृष्टिकोण विकसित करना है।

इस अवसर पर सीएमडी बीसीसीएल,  मनोज कुमार अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में महानिरीक्षक (पूर्वी सेक्टर), सीआईएसएफ  दीपक वर्मा, सीआईएसएफ बीसीसीएक तथा अन्य इकाईयों के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित निदेशक (मानव संसाधन) बीसीसीएल,  मुरली कृष्णा रमैया, निदेशक (तकनीकी-संचालन),  संजय कुमार सिंह, निदेशक, तकनीकी (परियोजना एवं योजना)  निलाद्री रॉय, मुख्य सतर्कता अधिकारी, अमन राज सहित मुख्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

सीएमडी, श्री अग्रवाल ने कार्यशाला का औपचारिक उद्घाटन किया और ‘फ़्यूचर रोडमैप फ़ॉर बीसीसीएल: सस्टेनेबिलिटी एंड ग्रोथ’ विषय पर उद्घाटन एवं मुख्य भाषण प्रस्तुत किया। अपने प्रेरक संबोधन में उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग भारत की ऊर्जा सुरक्षा की आधारशिला है और बीसीसीएल सतत, सुरक्षित और जिम्मेदार खनन के माध्यम से देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल का लक्ष्य प्रत्येक खदान को सुरक्षित, हरित और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है, जिससे उत्पादन वृद्धि के साथ पर्यावरण संरक्षण और श्रमिक कल्याण दोनों सुनिश्चित हों। अग्रवाल ने साथ ही बीसीसीएल में हो रहे अवैध खनन के मुद्दे को भी रेखांकित किया और कहा कि अवैध खनन के कारण कंपनी को हर वर्ष करोड़ो का घाटा हो रहा है। सुरक्षा तंत्र को बेहतर कर इस पर नियंत्रण किया जा सकता है, जिसमें सीआईएसएफ की भूमिका निर्णायक है।

महानिरीक्षक (पूर्वी सेक्टर), सीआईएसएफ दीपक वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि सीआईएसएफ औद्योगिक सुरक्षा के साथ-साथ बीसीसीएल द्वारा निर्बाध कोयला उत्पादन एवं संचालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा सीआईएसएफ अपनी सुरक्षा प्रणाली को त्वरित, बेहतर और प्रभावशाली बनाने की दिशा में प्रयासरत है, जिससे ऊर्जा और खनन के क्षेत्र को और अधिक प्रभावी तथा सुरक्षित बनाया जा सकेगा। कंपनी को हर स्तर पर सुरक्षा मुहैया करना संस्था की प्राथमिकता है, और इसके सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जायेगा।

इसके साथ ही दिनभर चले तकनीकी और विचार-विमर्श सत्रों में प्रमुख विशेषज्ञों ने कोयला उद्योग की दिशा और दशा पर अपने विचार रखे। कौशिक ग्येन (टाटा स्टील) ने ‘सस्टेनेबल एंड रिस्पॉन्सिबल कोल माइनिंग थ्रू एडवांस्ड माइन प्लानिंग एंड क्लोज़र’ विषय पर प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने जिम्मेदार खनन और पर्यावरणीय पुनर्स्थापना के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रो. आर. एम. भट्टाचार्य (आईआईटी-आईएसएम धनबाद) ने ‘एडवांसमेंट्स इन माइनिंग टेक्नोलॉजी एंड सेफ़्टी’ विषय पर समूह चर्चा का संचालन किया और खनन में तकनीकी नवाचार एवं सुरक्षा उपायों की प्रासंगिकता बताई। निलाद्री रॉय, निदेशक, तकनीकी (परियोजना एवं योजना), बीसीसीएल ने ‘प्रोजेक्ट प्लानिंग एंड एक्ज़ीक्यूशन इन कोल माइनिंग’ विषय पर अपने विचार साझा किए, जबकि संदीप कुमार, प्रबंधक (ई एंड टी), बीसीसीएल ने ‘आईसीसीसी – लेवरेजिंग टेक्नोलॉजी: विज़न अहेड’ पर तकनीकी प्रस्तुति दी।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के पारंपरिक स्वागत और सामूहिक दीप-प्रज्ज्वलन के साथ की गयी।  आईजी (सीआईएसएफ) दीपक वर्मा ने इस दौरान सीएमडी  मनोज अग्रवाल को को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में अतिथियों एवं प्रतिभागियों के साथ समूह फोटो सत्र भी आयोजित हुए।

कार्यक्रम में सीआईएसएफ  सुधीर कुमार, अतिरिक्त महानिदेशक (उत्तर), सीआईएसएफ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित किया। इस दौरान निरविकर (डीआईजी, एसईसीएल बिलासपुर),जे.के. तिवारी (डीआईजी, बीसीसीएल धनबाद), अराधना (डीआईजी, सीसीएल कारगली),एस.एस. शेखावत (एआईजी, ईएस रांची),राहुल यादव (वरिष्ठ कमांडेंट,ईसीएल सीथलपुर)और पी.के. विश्वकर्मा (कमांडेंट,बीसीसीएल धनबाद) सहित सीआईएसएफ के अन्य आधिकारी भी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहे।

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