बजट में सोनभद्र को रफ्तार और विकास की चाह से कोसों दूर रखा गया – आर के शर्मा

सोनभद्र। शुक्रवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कार्यकारिणी सदस्य व सोनभद्र के जिला सचिव कामरेड आर के शर्मा ने वृहस्पतिवार को यूपी विधान सभा में योगी सरकार द्वारा प्रस्तावित अब तक के सबसे बड़े बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट किसानों, कामगारों, युवाओं तथा समाज के अन्य पिछड़े तबकों की दयनीय दशा को ढकने का सिर्फ आडंबर पुराण है, और भाजपा द्वारा धर्म और आस्था की आड़ में लोगों को ठगने के लिये खेले जा रहे खेल को आगे और तेजी से बढ़ाने वाले ब्लू-प्रिंट जैसा है।
उन्होंने कहा कि इस बजट को हर बार की तरह अब तक के सबसे बड़े आकार वाला बजट बताया गया है, पर इसके आकार का आंकड़ा इसलिए बड़ा दिख रहा है कि भाजपा के दस वर्ष से अधिक के केंद्रीय शासन में प्रति डॉलर की अपेक्षा रुपए का आकार सिकुड़ कर लगभग 10 पैसे के बराबर रह गया है।
अनेक झूठे वादे और बड़बोलेपन से लबालब आंकड़े भी यह नहीं छिपा सके हैं जिससे यह बजट महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, स्वास्थ्य एवं अशिक्षा जैसी भयावह समस्याओं के निराकरण में एकदम बेदम है। सच तो यह है कि बजट गरीबी को और भी बढ़ाने वाला है तथा अमीरों को और भी मालामाल करेगा।
सूबे में विकास और सामाजिक कल्याण की अनेक योजनाएं भयावह भ्रष्टाचार में डूबी हैं।
सरकार द्वारा बेरोजगारी, भ्रष्टाचार,महिला उत्पीड़न एवं कमजोर वर्ग की सुरक्षा का खाका भी प्रस्तुत नहीं किया।
 भाकपा नेता  ने सवाल उठाया कि  सरकार के इस बजट में जिला मुख्यालयों में कामगार/श्रमिक अड्डे बनाए जाएंगे, जहां कैंटीन, पीने का पानी, स्नानघर और शौचालय बनाए जाएंगे व किस मजदूरों के लिए है, क्या सोनभद्र के असंगठित मजदूरों को इसका लाभ मिलेगा..?

चार राज्यों से घिरे इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सोनभद्र के युवाओं और बेरोजगारों को रोजगार सृजन की अनदेखी और यहां उच्च शिक्षा के लिए उठ रही कैमूर विश्वविद्यालय और अध्यनरत आदिवासी छात्राओं के लिए आवासीय डिग्री कॉलेज की स्थापना की मांग को भी अनसुना कर दिया गया । जबकि सोनभद्र वासियों को इस बार के बजट काफी आशाएं रहीं वहीं इस बार भी रफ़्तार और विकास की चाह से सोनभद्र को फिर कोसों दूर रखा।

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