भाकपा शताब्दी वर्ष पर विशाल जुलूस, नगवा में हुई जनसभा

सोनभद्र। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भाकपा का 100वां स्थापना दिवस शुक्रवार को सोनभद्र जनपद के नगवा विकासखंड में जोरदार तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर वैनी दूबेपुर मोड़ से भाकपा कार्यकर्ताओं, आदिवासियों, किसानों और मजदूरों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए करीब तीन किलोमीटर लंबा जुलूस निकाला, जो नगवा विकासखंड कार्यालय परिसर पहुंचकर जनसभा में बदल गया।जनसभा में नगवा बांध से विस्थापित किसानों और आदिवासी परिवारों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया। साथ ही विकसित भारत विधेयक के तहत मनरेगा का नाम बदलकर “जी राम जी” किए जाने का भाकपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध किया। मुख्य वक्ता कामरेड फूलचंद यादव, महासचिव उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन, ने कहा कि मनरेगा गरीबों और मजदूरों की जीवनरेखा है और इसके स्वरूप में बदलाव गरीब विरोधी कदम है। उन्होंने विस्थापित परिवारों के पुनर्वास और रोजगार की गारंटी की मांग की।

पूर्व विधायक एवं किसान सभा के महासचिव कामरेड राजेंद्र यादव ने कहा कि किसान, मजदूर और आदिवासी वर्ग को अपने हक और अधिकारों के लिए संगठित होकर संघर्ष तेज करना होगा। विशिष्ट अतिथि महिला फेडरेशन की नेत्री कामरेड रमा उदल ने महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी।सभा को भाकपा उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल सदस्य कामरेड शशिकांत कुशवाहा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य एवं जिला सचिव कामरेड आर.के. शर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में किसान सभा, एटक और भाकपा के पदाधिकारी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व जिला मंत्री कामरेड राम रक्षा ने की, जबकि संचालन पूर्व प्रधान चंदन प्रसाद एवं देव कुमार विश्वकर्मा ने संयुक्त रूप से किया। अंत में नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि आदिवासी, किसान और मजदूरों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस दौरान नगवा बीडीओ को ग्रामीणों की समस्याओं से संबंधित पत्रक भी सौंपा गया।

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