कंपनी की महिला कर्मियों एवं परिवारजनों को लगाए जाएँगे टीके, बढ़ेगी जागरूकता
विलासपुर।एसईसीएल मुख्यालय के इन्दिरा विहार स्वास्थ्य केंद्र में आज ‘मिशन संजीवनी – एचपीवी टीकाकरण अभियान’ की औपचारिक शुरुआत की गई। इस महत्वपूर्ण अभियान का शुभारंभ एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहन द्वारा किया गया।
इस अवसर पर निदेशक(मानव संसाधन)बिरंची दास, निदेशक(वित्त)डी. सुनील कुमार, मुख्य सतर्कता अधिकारी हिमांशु जैन, श्रद्धा महिला मण्डल अध्यक्षा एवं एसईसीएल परिवार की प्रथम महिला शशि दुहन, उपाध्यक्षा अनीता फ्रैंकलिन, सीएमएस डॉ प्रतिभा पाठक, सीएमएस, इन्दिरा विहार, डॉ श्रुति देव मिश्रा,विभागाध्यक्षगण, श्रमसंघ प्रतिनिधि, अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सीएमडी हरीश दुहन ने कहा कि यह अभियान महिला स्वास्थ्य एवं कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एसईसीएल अपने कर्मियों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और भविष्य में भी ऐसे जनकल्याणकारी प्रयास जारी रखेगा।
अभियान का उद्देश्य एसईसीएल की महिला कर्मियों तथा उनके परिवार की पात्र महिला सदस्यों को एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) का टीका लगाकर सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशयग्रीवा कैंसर) और एचपीवी से संबंधित अन्य बीमारियों के खतरे को कम करना है। पहले चरण में 2400 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए हैं।
इस अभियान के अंतर्गत 9 से 26 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाएँ और बच्चियाँ टीकाकरण के लिए पात्र हैं। अभियान में कंपनी द्वरा बेहद कारगर नोनावैलेन्ट एचपीवी वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है, जो करीब 90% तक सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम करती है।
निदेशक (मानव संसाधन) बिरंची दास ने कहा की यह टीकाकरण अभियान केवल एक स्वास्थ्य पहल नहीं, बल्कि डिजिटल तकनीक के प्रभावी उपयोग का भी उदाहरण है। हमने एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से लाभार्थियों की पहचान, खुराक प्रबंधन, प्रमाणपत्र निर्माण और रीयल-टाइम मॉनिटरिंग को संभव बनाया है।
यह कोल इंडिया की सहायक कंपनियों में संभवतः पहला ऐसा एचपीवी टीकाकरण अभियान है, जिसे डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा संचालित किया जा रहा है। एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से टीकाकरण की हर खुराक की रीयल-टाइम ट्रैकिंग की जा रही है। प्रत्येक डोज के बाद लाभार्थी को पोर्टल द्वारा डिजिटल प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जा रहा है।
एचपीवी एक आम वायरस है जो गर्भाशयग्रीवा के कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 1.25 लाख महिलाएँ सर्वाइकल कैंसर से प्रभावित होती हैं और 70,000 से अधिक महिलाओं की मृत्यु इस बीमारी से हो जाती है। यह एकमात्र ऐसा कैंसर है जिसे टीकाकरण और समय पर स्क्रीनिंग से काफी हद तक रोका जा सकता है।यह टीकाकरण अभियान कंपनी की समावेशी स्वास्थ्य नीति और नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

गांव गिराँव हिंदी न्यूज़ पोर्टल पर आप – Latest Breaking News, देश, विदेश, खेल, मनोरंजन, राजनीति, क्राइम, ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, शिक्षा, लाइफस्टाइल, क्रिकेट से सम्बंधित सभी समाचार प्राप्त करते है।