सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जनपद सोनभद्र से आज ‘30 जनजातीय कौशल केंद्रों’ का भव्य शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयन्त चौधरी ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन न केवल 30 जनजातीय आकांक्षी जिलों के समग्र विकास की दिशा में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह देश भर के जनजातीय युवाओं को सशक्त, आत्मनिर्भर और जागरूक नागरिक के रूप में तैयार करने की दिशा में एक ठोस और दूरगामी कदम है। ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 30 आकांक्षी जनजातीय जिलों में जन शिक्षण संस्थानों के माध्यम से जनजातीय कौशल केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनका क्रियान्वयन कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। ये आकांक्षी जिले बिहार का पश्चिम चंपारण, छत्तीसगढ़ के बस्तर, सूरजपुर, कोंडागांव और सुकमा, गुजरात के वलसाड और सूरत, झारखंड के रांची, सिमडेगा और दुमका, कर्नाटक का रायचूर, मध्य प्रदेश के धार, मंडला, डिंडोरी और रतलाम, महाराष्ट्र के गडचिरोली, नंदुरबार-, और नासिक, मणिपुर का सेनापति, मेघालय का ईस्ट खासी हिल्स, ओडिशा के मयूरभंज, सुंदरगढ़, मलकानगिरी, रायगढ़ा और संबलपुर, तेलंगाना का आदिलाबाद, दादरा नगर हवेली (संघ शासित प्रदेश), त्रिपुरा का धलाई, उत्तर प्रदेश का सोनभद्र, और पश्चिम बंगाल का पुरुलिया हैं। इस पहल के अंतर्गत 1 लाख जनजातीय युवाओं को 2024 से 2029 तक -अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थानीय जरूरतों, पारंपरिक ज्ञान और बाजार की मांग के अनुसार डिजाइन किए गए हैं, जिससे प्रशिक्षण सीधे आजीविका से जुड़ सके। ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)’ भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर 2024 को की थी। इस पांच वर्षीय अभियान का उद्देश्य देश के 30 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 63,843 जनजातीय बहुल गांवों में रहने वाले 5 करोड़ से अधिक जनजातीय नागरिकों को समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास से जोड़ना है। योजना के तहत 17 मंत्रालयों के सहयोग से 25 क्षेत्रीय हस्तक्षेप किए जा रहे हैं, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका, बुनियादी ढांचे और कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सशक्त बनाएंगे। DAJGUA अभियान की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि इसे अप्रोच के तहत लागू किया गया है, जिससे विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की योजनाओं का समन्वय कर जनजातीय समुदायों तक पहुंच को सुनिश्चित किया जा सके।
राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने कहा कि“भारत सरकार के लिए आकांक्षी और पिछड़े जिले केवल भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि बदलाव के केंद्र हैं। ये वे क्षेत्र हैं जो ऐतिहासिक रूप से वंचित रहे, और अब उन्हें आगे लाने की जिम्मेदारी हमारी है। 30 जनजातीय जिलों में विशेष कौशल केंद्रों की स्थापना इसी दिशा में एक ठोस कदम है ताकि आदिवासी समाज को आधुनिकता से जोड़ा जा सके और उन्हें सम्मानजनक आजीविका के अवसर मिल सकें।” जनजातीय कौशल केंद्रों के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को विशेष महत्व प्रदान किया। छोटेलाल सिंह खरवार, सांसद (लोकसभा), भूपेश चौबे, विधायक (रॉबर्ट्सगंज,सोनभद्र), तथा सांसद रामशकल ने जनजातीय समाज के सशक्तिकरण हेतु ऐसे प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

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