भारतीय फुटबॉल का ऐतिहासिक क्षण: महिला टीम ने एएफसी विमेंस एशियन कप 2026 के लिए क्वालिफाई किया

छत्तीसगढ़ की किरण पिस्दा, एनटीपीसी कोरबा के नैगम सामाजिक दायित्व से समर्थित, ऐतिहासिक भारतीय टीम का हिस्सा

कोरबा। राष्ट्रीय गौरव के इस क्षण में, भारतीय सीनियर महिला फुटबॉल टीम ने आधिकारिक क्वालिफाइंग प्रक्रिया के माध्यम से एएफसी विमेंस एशियन कप 2026 के लिए क्वालिफाई कर लिया है। यह टूर्नामेंट में उनकी 2022 के बाद पहली उपस्थिति होगी और पहली बार टीम ने क्वालिफायर जीतकर टूर्नामेंट में स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि शुक्रवार, 7 जुलाई 2025 को थाईलैंड के चियांग माई में स्थित 700वें वर्षगांठ स्टेडियम में मेज़बान टीम थाईलैंड पर 2-1 की रोमांचक जीत के साथ सुनिश्चित हुई।

भारत ने ग्रुप बी में सभी चार क्वालिफाइंग मैच जीतकर शीर्ष स्थान प्राप्त किया। यह क्वालिफिकेशन इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि भारत ने 18 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद एशियन कप के लिए सीधे क्वालिफाई किया है — पिछली बार यह 2003 में हुआ था, जब मौजूदा प्रारूप लागू नहीं था।

इस 23 सदस्यीय भारतीय टीम में छत्तीसगढ़ के बालोद ज़िले की उभरती फुटबॉल स्टार सुश्री किरण पिस्दा भी शामिल हैं, जो महेश राम पिस्दा की पुत्री हैं। उनका चयन राष्ट्रीय टीम में उनके परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गर्व का विषय है।

किरण के अंतरराष्ट्रीय मंच तक के सफर में एनटीपीसी कोरबा की नैगम सामाजिक दायित्व (CSR) पहल ने अहम भूमिका निभाई है, जिसने स्थानीय प्रतिभाओं को संवारने और खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। राष्ट्रीय टीम में उनका चयन यह प्रमाणित करता है कि नैगम सामाजिक दायित्व से संचालित खेल कार्यक्रम ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान और सशक्तिकरण में कितने प्रभावी हैं।

थाईलैंड के खिलाफ भारत की जीत इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि इससे पहले भारतीय महिला टीम कभी थाई टीम को पराजित नहीं कर पाई थी। क्वालिफायर्स में उनका अजेय अभियान भारतीय महिला फुटबॉल की बढ़ती ताकत और क्षमता को दर्शाता है।

यह सफलता छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में विकसित हो रहे मजबूत फुटबॉल इकोसिस्टम का भी परिणाम है, जिसे प्रायोजकों और संस्थाओं के निरंतर समर्थन से बल मिला है। छत्तीसगढ़ फुटबॉल संघ ने कहा, “एनटीपीसी कोरबा को विशेष धन्यवाद, जिन्होंने अपने नैगम सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों के माध्यम से जमीनी स्तर के खेलों में निवेश कर खिलाड़ियों जैसे कि किरण पिस्दा को आगे बढ़ाया।” अब जब भारत एएफसी विमेंस एशियन कप 2026 के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने की तैयारी कर रहा है, तो किरण पिस्दा जैसी खिलाड़ियों का योगदान और एनटीपीसी जैसी संस्थाओं का समर्थन यह दर्शाता है कि कैसे समुदायों, संस्थानों और कॉर्पोरेशनों के समन्वय से राष्ट्रीय खेलों में मील के पत्थर हासिल किए जा सकते हैं।

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