हे अदितमल! भइल अरघ के बेरिया………….

उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ डाला छठ सम्पन्न, व्रतियों ने व्रत का किया पारण

सोनभद्र। नगर समेत जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में सूर्य षष्ठी (डाला छठ) का महापर्व हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर सरोवरों, नदियों एवं नहरों के किनारे घाटों पर भारी संख्या में व्रती महिलाएं सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया गया। मंगलवार को दूसरे दिन सप्तमी को स्नान कर प्रातः सूर्य उदय होते ही भगवान को अघ्र्य देने के बाद व्रती महिलाओं द्वारा प्रसाद का वितरण किया गया।
इस दौरान घाटों पर अद्भूत नजारा देखने को मिला। भोर से ही जलाशयों के किनारे महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी और आसपास में सुरज की लाली भरने का बेसब्री से इंतजार किया जाने लगा। रात भर घी का दीप जलाकर गन्ने के मण्डप के मध्य वेदी कलश रखकर आराधना की गई। अलसुबह गाजे-बाजे के साथ घाटों पर बड़ी तादात में श्रदृालु झूमते नजर आये। इस दौरान आतिशबाजी भी हुई।  पहले दिन षष्ठी को डूबते सूर्य को अघ्र्य के समय से लगभग  आधी रात तक हुई बरसात से अत्यधिक दिक्कतें उठानी पड़ी। कसबा सहित इलाके के विभिन्न गावों में जलाशय के किनारे बने डठ घाटों पर व्रती महिलाओं ने उदीयमसन भगवाल भाष्कर को अघ्र्य देकर निराधार व्रत का पारण किया। तत्पश्चात प्रसाद बांटा। ढुटेर गांव में भी छठ घाटों पर सुख-समृद्धि तथा मंगल कल्याण के लिए मंगलवार की सुबह आखिरी अर्घ्यदान किया गया। पूजा घाट पर महिलाओं के साथ उनके परिजन तथा बच्चों का जमघट देखा गया।

   बारिश से हुई परेशानी

सूर्य षष्ठी के दिन शाम से शुरू हुई बारिश से व्रतियों समेत अन्य श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हुई। करीब आधी रात तक रुक-रुक कर हुई बरसात से सूर्योपासना के इस महापर्व में कुछ व्यवधान जरूर आया, मगर आस्था को डिगा नहीं पाया। व्रती सविधि पूजा-अर्चना की। मौसम की बेरुखी देख घाट से घर आने में ही सभी ने अच्छा समझा। तेज पानी बरसने के कारण टेन्ट, लाइट आदि की व्यवस्था दिन्न-भिन्न हो गई। आधी रात के बाद मौसम साफ हो गया और भोर में व्रती महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य देने हेतु घाट पर पहुंचने लगी।

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