एनटीपीसी सिंगरौली की हर उपलब्धि में कर्मचारियों के परिश्रम की अमिट छाप है – संदीप नायक

हमारे वरिष्ठजन संगठन की आत्मा हैं। उनके योगदान से ही एनटीपीसी सिंगरौली समाज और राष्ट्र सेवा के प्रति निरंतर समर्पित है – श्रीमती प्रज्ञा नायक, अध्यक्ष, वनिता समाज

एनटीपीसी सिंगरौली बना प्रेरणास्रोत : सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सम्मान से रचा नया इतिहास

सोनभद्र। एनटीपीसी सिंगरौली में 51वाँ स्थापना दिवस समारोह उत्साह, उल्लास और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सिंगरौली परियोजना ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए अपने स्थानीय सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मानित किया— ऐसा करने वाला यह देशभर की एनटीपीसी इकाइयों में पहला केंद्र बना। समारोह में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को शाल एवं स्मृति चिन्ह  भेंटकर उनके योगदान के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की गई। आयोजन का उद्देश्य था, उन कर्मठ साथियों को सम्मान देना, जिन्होंने एनटीपीसी सिंगरौली की नींव को मजबूती दी और संगठन को अनंत ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

मुख्य अतिथि संदीप नायक, कार्यकारी निदेशक एवं परियोजना प्रमुख, ने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि “एनटीपीसी सिंगरौली की हर उपलब्धि में उनके परिश्रम की अमिट छाप है। आज का यह सम्मान हमारी सामूहिक कृतज्ञता का प्रतीक है।”

श्रीमती प्रज्ञा नायक, अध्यक्षा, वनिता समाज, ने कहा कि “हमारे वरिष्ठजन संगठन की आत्मा हैं। उनके कर्मठ योगदान से ही सिंगरौली समाज और राष्ट्र सेवा के प्रति निरंतर समर्पित है।” जोसेफ बास्टियन, मुख्य महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण), ने कहा कि “वरिष्ठ साथियों ने सिंगरौली की मजबूत नींव रखी है, जिस पर आज की पीढ़ी सफलता के नए आयाम गढ़ रही है।” सी. एच. किशोर कुमार, महाप्रबंधक (मेंटेनेंस एवं एडीएम), ने इस पहल को “सिंगरौली की पारिवारिक संस्कृति का प्रतीक” बताया।  रश्मि रंजन मोहंती, महाप्रबंधक (परियोजना), ने इसे “संवेदनशीलता और प्रेरणा का सुंदर संगम” कहा।  पीयूष श्रीवास्तव, महाप्रबंधक (रसायन एवं बीई), ने कहा कि “सच्ची सफलता वही है जो पूर्वजों के प्रति सम्मान में झलके।” वहीं मानव संसाधन प्रमुख श्री सिद्धार्थ मंडल ने कहा कि ऐसे आयोजन “संगठन में समर्पण और आत्मीयता की भावना को सुदृढ़ करते हैं।”

कार्यक्रम में लगभग 200 सेवानिवृत्त कर्मचारी अपने परिजनों सहित सम्मिलित हुए। परसवार राजा, चिल्काडांड, कोटा, तेलगवां, विंध्यनगर, वैढन, नौगढ़ सहित आसपास के गाँवों से आए वरिष्ठजनों ने अपने अनुभव साझा किए और एनटीपीसी में बिताए सुनहरे वर्षों को याद किया। स्थानीय ग्राम प्रधानों ने भी इस पहल को “प्रेरक और अनुकरणीय” बताया।

सांस्कृतिक संध्या में शक्ति संगीत कला परिषद के कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। सुश्री बॉबी रावत (शक्तिनगर) के भरतनाट्यम नृत्य, सुश्री सुनीति पाठक (रेणुकूट) के शास्त्रीय गायन तथा श्री सुनील पंडित (वैढन) की ग़ज़लों ने वातावरण को भावनाओं से सराबोर कर दिया। रात्रि भोज के साथ सम्पन्न यह आयोजन एनटीपीसी सिंगरौली की मानवीयता, संगठनात्मक संस्कृति और कृतज्ञता भाव का सजीव उदाहरण बन गया।

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