आपातकाल भारतीय लोकतंत्र में काला अध्याय , भयावहता आज भी स्मृतियों में जीवित – अशोक चौरसिया

सोनभद्र। भारतीय जनता पार्टी सोनभद्र द्वारा विकास खण्ड कार्यालय राबर्ट्सगंज सभागार में लोकतंत्र सेनानी सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय महामंत्री अशोक चौरसिया  मौजूद रहे। 50 वर्ष पूर्व तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा आपातकाल लगाने के विरोध में आज काला दिवस के रूप में मनाया गया जिसमें लोकतंत्र सेनानी सुरेन्द्र बरनवाल, परशुराम गिरी, अक्षय लाल, हरिशंकर त्रिपाठी, कमलेश देवी, रमाशंकर त्रिपाठी  को मुख्य अतिथि अशोक चौरसिया व भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल, जिला प्रभारी अनिल सिंह, पूर्व सांसद रामशकल, विधायक सदर भूपेश चौबे के द्वारा अंगवस्त्र, श्री राम दरबार का स्मृति चिन्ह व माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया।
ब्लॉक कैंम्पस में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत मुख्यअतिथि अशोक चैरसिया द्वारा वृक्षारोपण किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल  व संचालन जिला महामंत्री रामसुन्दर निषाद ने किया। सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अशोक चौरसिया  ने कहा कि लोकतंत्र को क्षत विक्षत कर रक्तरंजित करने वाले आपातकाल की भयावहता आज भी स्मृतियों में जीवित है। कांग्रेस ने अपने दम्भ और अहंकार में क्रूरता और दमन की पराकाष्ठा से 50 वर्ष पूर्व लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक व्यवस्था पर सीधा हमला किया। 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने “आंतरिक अशांति” का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोप दिया। यह निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं, बल्कि अपने चुनाव को रद्द किए जाने और सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया था। कांग्रेस पार्टी ने इस काले अध्याय में न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब-जब उनकी सत्ता संकट में होती है, वे संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटते।  

 सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद रामशकल  ने कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र की रक्षा का दावा करने वाले संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए उठाई गई आवाजों को दबाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। उन्होने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र में एक काला अध्याय बताया । 

 समारोह को संबोधित करते हुए सदर विधायक भूपेश चौबे ने कहा कि देश में आपातकाल लगाने के पीछे न कोई युद्ध की स्थिति थी, न विद्रोह और न ही कोई बाहरी आक्रमण हुआ, यह सिर्फ इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इंदिरा गांधी की चुनावी सदस्यता रद्द करने के निर्णय को निष्क्रिय करने और अपनी कुर्सी को बचाने की जिद थी। 

सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल जी ने कहा कि 25 जून,1975 में कांग्रेस सरकार ने देश में इमरजेंसी घोषित कर दिया था उस दौरान लोकतंत्र के समर्थन में आवाज उठाने वाले राष्ट्रीय स्वयं संघ व जनसंघ के कार्यकर्ताओं को जेल भेज दिया गया और कार्यकर्ता 22 महीने तक जेल में रहे आपातकाल के दौरान कांग्रेस की सरकार ने प्रेस की स्वतंत्रता को छीना और लोकतंत्र की हत्या की थी वह आपातकाल का समय देश के लिए काला अध्याय है। जिसे देशवासी कभी नहीं भूल सकते । कार्यक्रम मे आये हुए सभी अतिथियों का ब्लॉक प्रमुख अजीत रावत ने अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह व माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए सभी कार्यकर्ताओं व लोकतंत्र सेनानियों का आभार प्रकट किया। सम्मान समारोह मे क्षेत्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा अजीत रावत, पूर्व अनुसूचित आयोग के उपाध्यक्ष रामनरेश पासवान, पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक मिश्रा, अजीत चैबे, धर्मवीर तिवारी, रामलखन सिंह,  संजीव तिवारी,  उदयनाथ मौर्या, ओमप्रकाश दूबे, कृष्णमुरारी गुप्ता, विनय श्रीवास्तव, विशाल पाण्डेय, संतोष शुक्ला, शंम्भू नारायण सिंह, अनूप तिवारी, सुरेश शुक्ला, नार सिंह पटेल, बृजेश श्रीवास्तव, पुष्पा सिंह, गुड़िया तिवारी,  रुबी गुप्ता सहित आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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