दीयों से नहीं, आत्मनिर्भरता से रोशन हुई मोहला की महिलाओं की दीपावली

पारंपरिक ज्ञान और रचनात्मकता का बखूबी उपयोग कर रही हैं महिलाएं
रायपुर/ छत्तीसगढ़ में शासन के द्वारा सभी के विकास के लिए नीतियों का निर्माण कर समावेशी विकास का प्रयास मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इसमें मानव संसाधन में आधी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और स्वाभिमानपूर्वक जीवन जीने के लिए हौसला देने की भूमिका दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान निभा रही हैं। इस दीपावली पर ऐसी ही मिशाल मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले की महिलाओं ने उदाहरण प्रस्तुत किया है। जहां ग्रामीण महिलाओं ने बिहान के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा सकती हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर महिला स्व-सहायता समूहों ने दीपावली के पारंपरिक पर्व को अवसर में बदल दिया है।

मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के जहां ग्राम केवट टोला, मोहला और भोजटोला की निवासी महिलाओं ने सामूहिक प्रयासों के साथ अपने पारंपरिक ज्ञान और रचनात्मकता का उपयोग करते हुए दीपावली के उपयोगी वस्तुओं का उत्पाद कर रही हैं। समूह की महिलाए रंगोली पाउडर, रुई की बाती, लक्ष्मी माता की मिट्टी से बनी मूर्तियाँ, अगरबत्ती, मिट्टी के दीये और मटके साथ ही पारंपरिक साड़ियाँ और मनिहारी सामग्री जैसे उत्पाद अपने ही हाथों से तैयार किए। महिलाओं ने इन उत्पादों की गुणवत्ता और पारंपरिकता पर विशेष ध्यान दिया, ताकि बाजार में उन्हें अच्छी मांग मिल सके।

श्रम और हुनर से आत्मनिर्भर बन रही हैं महिलाएं

  त्यौहार के पहले ही सप्ताह से इन महिलाओं ने मोहला के साप्ताहिक बाजार में दुकानें लगाई, जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया, जहां उन्हें आवश्यक उत्पाद उचित मूल्य पर प्राप्त हुए। ग्राहकों को यह हस्तनिर्मित वस्तुएं बहुत पसंद आई और सभी ने इनकी सराहना की, जिससे महिलाओं का मनोबल बढ़ा है। बिक्री से प्राप्त आय ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सहयोग तो दिया ही, साथ ही उन्हें यह एहसास भी दिलाया कि वे अपने श्रम और हुनर से आत्मनिर्भर बन सकती हैं।

महिलाओं को मिली सामाजिक सम्मान

  इस पहल से जुड़ी कई महिलाओं ने पहली बार घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर व्यापार किया था। जिस पर महिलाओं ने बताया कि पहले उन्हें यह विश्वास नहीं था कि वे खुद से कुछ बना और बेच सकती हैं लेकिन बिहान समूह से जुड़ने के बाद उन्हें प्रशिक्षण, सहयोग और मार्गदर्शन मिला, जिससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। यह न केवल उनकी आजीविका का एक माध्यम बना, बल्कि उनके सामाजिक सम्मान भी बढ़ा है एवं उन्हें इससे संबल भी प्राप्त हुआ है।

महिला स्वावलंबन और विकास को नई दिशा

 बिहान योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है और यह सफलता उसकी एक सजीव मिशाल है। इस प्रकार की पहल ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उद्यमिता, स्वावलंबन और सामुदायिक विकास को नई दिशा देती है। दीपावली पर शुरू हुई यह आर्थिक यात्रा सिर्फ एक पर्व तक सीमित नहीं रही, बल्कि महिलाओं के जीवन में एक स्थायी परिवर्तन की शुरुआत बन गई।

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