सोनभद्र। जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने प्लास्टिक जलाये जाने से दुर्गंध फैलने की खबर/शिकायत को संज्ञान में लिया। जिसमें यह तथ्य अंकित किये गये थे कि मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड डाला द्वारा बाहर से कचरा मंगवाकर जलाया जा रहा है। जिससे दुर्गंध फैल रही है और वातावरण प्रदूषित हो रहा है। मामलें को संज्ञान में लेकर क्षेत्रिय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी को जॉच कर आख्या उपलब्धा कराने के निर्देश दिये। उक्त क्रम में क्षेत्रिय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आर0के0 सिंह द्वारा अपनी जॉच आख्या में अवगत कराया है कि वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 (यथासंशोधित) के अन्तर्गत आपके उद्योग को सहमति वायु निर्गत की जाती है, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख रहता है कि उद्योग में अनुबन्धित ईंधन के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का अन्य ईंधन जैसे-गीला कूड़ा कचरा नहीं जलाया जायेगा तथा इस प्रकार का ईंधन भी नहीं जलाया जायेगा। जिससे दुर्गन्ध उत्पन्न होती है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आप द्वारा उद्योग में जानबूझकर ईंधन के रूप में गीला कूड़ा कचरा जलाया जा रहा है, जिससे आस-पास के लोगों को दुर्गन्ध का सामना करना पड़ रहा है। मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेन्ट लिमिटेड (यूनिटः डाला सीमेन्ट वक्र्स) को निर्देशित किया जाता है कि उद्योग में अनुबन्धित ईंधन के अतिरिक्त किसी अन्य तरह का ईंधन का प्रयोग न किया जाय तथा अपने उद्योग को संचालन इस प्रकार करें कि आस-पास के लोगों को दुर्गन्ध एवं अन्य किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उक्त के अतिरिक्त यह भी निर्देशित किया जाता है कि बोर्ड द्वारा निर्गत सहमति (जल एवं वायु) के अनुपालन में अनुपालन आख्या फोटोग्राफ्स सहित एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। अन्यथा की दशा में आपके उद्योग को जारी सहमति (जल एवं वायु) को रिवोक करने तथा शिकायत का समुचित समाधान न होने की दशा में उद्योग के विरूद्ध पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति अधिरोपित किये जाने की संस्तुति कर दी जायेगी।

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