ईसीएल द्वारा पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन नीति के अंतर्गत रोजगार के स्थान पर पहली बार एकमुश्त मुआवज़े का वितरण

आसनसोल। ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) ने अपने मुख्यालय में भूमि अधिग्रहण तथा पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन (R&R) मुआवज़े के वितरण हेतु एक प्रस्तुति समारोह का आयोजन किया, जो भूमि अधिग्रहण सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान ज़िले के सालानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत लछमनपुर गाँव के निवासी आकाश देवघरिया, ईसीएल की R&R नीति के अंतर्गत रोजगार के स्थान पर वन टाइम लंप सम (OTL) मुआवज़ा विकल्प अपनाने वाले क्षेत्र के पहले भूमिधारक बने। श्री देवघरिया को इससे पूर्व जून 2025 से ईसीएल की R&R योजना के अंतर्गत भूमि के बदले रोजगार प्रदान किया गया था और वे जनरल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत थे। ईसीएल द्वारा वन टाइम लंप सम / लंप सम एन्यूटी (OTLA) योजना लागू किए जाने के बाद उन्होंने स्वेच्छा से रोजगार के स्थान पर मौद्रिक मुआवज़ा लेने का विकल्प चुना।

इस अवसर पर ईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक सतीश झा ने अन्य कार्यात्मक निदेशकों के साथ मिलकर श्री देवघरिया को ₹93,32,810 (रुपये तिरानवे लाख बत्तीस हजार आठ सौ दस मात्र) का चेक प्रदान किया। समारोह को संबोधित करते हुए श्री झा ने कहा कि OTLA योजना एक प्रगतिशील एवं सुधारोन्मुख पहल है, जिसका उद्देश्य भूमि अधिग्रहण एवं मुआवज़ा व्यवस्था में पारदर्शिता, समानता तथा लचीलापन को सुदृढ़ करना है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत भूमिधारकों को पारंपरिक रोजगार-आधारित मुआवज़ा मॉडल के स्थान पर एकमुश्त मौद्रिक मुआवज़ा अथवा संशोधित एन्यूटी योजना (अनुपातिक आधार पर) का विकल्प प्रदान किया जाता है।

उन्होंने आगे जानकारी दी कि पश्चिम बंगाल में 2 एकड़ भूमि के लिए वित्तीय मुआवज़ा लगभग ₹89 लाख से ₹1.20 करोड़ तक है, जो स्थान एवं लागू मापदंडों पर निर्भर करता है। यदि इस राशि का विवेकपूर्ण निवेश किया जाए, तो यह दीर्घकालिक वित्तीय आत्मनिर्भरता सुनिश्चित कर सकती है तथा विशेष रूप से युवाओं को उद्यमिता, स्वरोज़गार अथवा उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान कर सकती है, बजाय इसके कि उन्हें निम्न-स्तरीय रोजगार में समाहित होना पड़े।

सीएमडी ने यह भी रेखांकित किया कि यह योजना विशेष रूप से सीमांत भूमिधारकों के लिए लाभकारी है, जिन्हें कम भूमि जोत के कारण रोजगार के लिए पात्रता प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। एकमुश्त भुगतान तत्काल वित्तीय सुरक्षा, लाभों का समान वितरण तथा भूमिधारकों के लिए अधिक लचीलापन सुनिश्चित करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि छोटे व्यापारी एवं व्यवसायी इस वित्तीय लाभ का उपयोग अपने मौजूदा व्यवसाय के विस्तार या उन्नयन के लिए कर सकते हैं, जबकि पहले से रोजगार या उद्यम में संलग्न व्यक्ति एन्यूटी विकल्प चुनकर एक अतिरिक्त एवं स्थिर मासिक आय सुनिश्चित कर सकते हैं।

अपने अनुभव साझा करते हुए आकाश देवघरिया ने बताया कि OTL योजना को अपनाने का निर्णय उन्होंने अपने परिवार और मित्रों के साथ विस्तृत चर्चा तथा वित्तीय विशेषज्ञों से परामर्श के बाद लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि OTL मुआवज़े से प्राप्त ब्याज आय, ईसीएल में मिलने वाले वेतन से अधिक होगी तथा म्यूचुअल फंड सहित विवेकपूर्ण निवेश से मूलधन सुरक्षित रखते हुए बेहतर प्रतिफल प्राप्त किया जा सकता है। श्री देवघरिया ने आगे कहा कि इस योजना के माध्यम से वे अपने विधि (कानूनी) पेशे को आगे बढ़ाने में सक्षम हुए हैं, जिससे उन्हें ब्याज या लाभांश के अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही है और वे अपने शैक्षणिक योग्यता एवं आकांक्षाओं के अनुरूप क्षेत्र में कार्य कर पा रहे हैं। उन्होंने स्मरण किया कि भूमिगत खानों में श्रमिक के रूप में कार्य करना शारीरिक रूप से अत्यंत कठिन था और इसका उन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था। OTLA योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करने और महाप्रबंधक (एलआरई) श्री पार्थ सखा दे के साथ विस्तृत चर्चा के बाद, उन्होंने सभी पहलुओं का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन कर इस योजना को अपनाने का निर्णय लिया।

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