एनटीपीसी कुडगी में सीआईएसएफ स्थापना दिवस परेड-2025 का भव्य आयोजन

विजयापुर।सोमवार को एनटीपीसी कुडगी में सीआईएसएफ के 56 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य परेड का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सीआईएसएफ की अ‌द्वितीय अनुशासन और समर्पण को दर्शाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एनटीपीसी कुडगी के कार्यकारी निदेशक  बि‌द्यानंद झा उपस्थित थे, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण दिन पर अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।

परेड की शुरुआत सीआईएसएफ के डीसी  नरेंद्र कुमार के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने सीआईएसएफ की भूमिका और देश की सुरक्षा के प्रति बल के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने संबोधन में इस बात को स्पष्ट किया कि सीआईएसएफ केवल एक सुरक्षा बल नहीं, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत है, जो निरंतर अपने कर्तव्यों के प्रति सजग और प्रतिबद्ध रहता है। मुख्य अतिथि  बिद्यानंद झा ने अपने संबोधन में सीआईएसएफ की सराहना करते हुए कहा कि इस बल का योगदान न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा में है, बल्कि यह देश के औ‌द्योगिक विकास और आपदा प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने विशेष रूप से सीआईएसएफ द्वारा भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों, जैसे हवाई अड्डों, बंदरगाहों, परमाणु और थर्मल संयंत्रों की सुरक्षा में निभाई गई भूमिका की सराहना की।

इस कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण था सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा आयोजित एक विशेष क्राव मागा प्रदर्शन। यह आत्मरक्षा और युद्धक कौशल का अ‌द्वितीय प्रदर्शन था, जिसमें सीआईएसएफ के जवानों ने अपनी ताकत और दक्षता का परिचय दिया। यह प्रदर्शन मुख्य अतिथि श्री झा और अन्य एनटीपीसी अधिकारियों द्वारा सराहा गया, जिन्होंने जवानों की साहसिकता और कौशल की प्रशंसा की। कार्यक्रम के अंत में एक वृक्षारोपण समारोह का आयोजन किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति सीआईएसएफ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस समारोह ने न केवल सुरक्षा, बल्कि प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की भी महत्वपूर्ण बात को उजागर किया। सीआईएसएफ स्थापना दिवस का यह आयोजन बल की प्रतिब‌द्धता, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक था। 2 लाख से अधिक कर्मियों के साथ, सीआईएसएफ भारतीय सुरक्षा व्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा है, जो हमेशा देश की सुरक्षा और औ‌द्योगिक प्रगति में अपनी अहम भूमिका निभाता है।

यह आयोजन सीआईएसएफ के अनुशासन, समर्पण और राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे के प्रति प्रतिबद्धता का सजीव उदाहरण था।

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