सोनभद्र। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सोमवार 1 दिसम्बर 2025 को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जन जागरूकता लाने के दृष्टिगत मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से एक जन-जागरूकता विशाल रैली को मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया, जो राबर्ट्सगंज शहर के विभिन्न मार्गों से चक्रमण करते हुए महिला थाना, काशी राम आवास से होते हुए जिला क्षय रोग कार्यालय में एक गोष्टी के रूप में परिवर्तित हो गया। रैली में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, उ0प्र0 एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के समस्त कर्मचारी तथा किर्ती पाॅली नर्सिंग कॉलेज,राबर्ट्सगंज के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस वर्ष की थिम ’’बाधाएं दर किनार, एच0आई0वी0 पर सशक्त प्रहार’’ है। इस विषय पर ओम प्रकाश पाण्डेय कालेज आॅफ पैरामेडिकल एण्ड साइंसेज में गोष्ठी का आयोजन एवं नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर जागरूक किया गया।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने एच0आई0वी0, एड्स के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि एड्स विषय पर जानकारी ही बचाव है। अधिक से अधिक लोगों तक इस सम्बन्ध में जागरूकता पैदा की जाए तथा टी0बी0 एवं एड्स के बीच के सम्बन्ध की गंभीरता को बताते हुए यह कहा कि सभी टी0बी0 के रोगियों में एच0आई0वी0 की सम्भावना अधिक होती है। एच0आई0वी0 की जाँच सभी प्राथमिक सामुदायिक केंद्रों पर निःशुल्क की जाती है तथा एच0आई0वी0 से ग्रस्त रोगी का उपचार भी अन्य रोगियों जैसा ही किया जाता है।
उन्होंने बताया कि संक्रमण चार तरीको से हो सकते हैं, जिसमें एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध से। एचआईवी संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद के चढाए जाने से। एचआईवी संक्रमित सुइयों एवं सीरिंज के साझा प्रयोग से। एचआईवी संक्रमित माॅ से उनके होने वाले बच्चों को। इसी प्रकार से एच.आई.वी. इन तरीको से नहीं फैलता है, हाथ मिलाने से। एक साथ घर मे रहने से। कपड़ों के आदान प्रदान से। साथ खाना खाने से। मच्छर के काटने से। शौचालय अथवा स्वीमिंग पूल के साझा प्रयोग से।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि एचआईवी संक्रमण से बचाव की जानकारी देते हुए बताया कि असुरक्षित यौन संबंध से बचे। संयम बरतें, जीवन साथी के प्रति वफादार रहे, कण्डोम का प्रयोग करें। कण्डोम का प्रयोग एचआईवी संक्रमण से बचाता है। यदि रक्त की आवश्यकता हो तो सदैव सरकारी अथवा लाइसेंसशुदा जाँचा परखा रक्त ही लें। नियमित रक्तदान करें ताकि जरूरतमंद व्यक्ति दलालों के चंगुल में फंसकर संक्रमित रक्त लेने को मजबूर न हों। सुनिश्चित करें कि इस्तेमाल की जानी वाली सीरिंज नई तथा सीलबन्द हो। हर गर्भवती माँ की एचआईवी जाँच सुनिश्चित करें। एचआईवी संक्रमित माँ का प्रसव चिकित्सक की देखरेख में ही करायें। एचआईवी की जाँच व इलाज सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला चिकित्सालय में स्थापित आई0सी0टी0सी0 सेण्टर में मुफ्त होती है। सभी गर्भवती माताओं के मुफ्त जाँच की सुविधा भी उपलब्ध है। हमें एचआईवी पीड़ित किसी भी व्यक्ति से भेदभाव, लांछन या घृणा नही करना चाहिए। ऐसा व्यक्ति अज्ञानता वश ही संक्रमण का शिकार हो गया है। ऐसे व्यक्ति को हमारी तरह ही समाज में इच्छा पूर्वक जीने का अधिकार है। उसका तिरस्कार बहिष्कार न करें सहानुभूति और सम्मान दें। सभा में उपस्थिति अन्य वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे। इस अवसर पर आनन्द मौर्य, सतीश सोनकर, अभिमन्यु, विजय, विमल, अखिल, शावेज, शिवशंकर आदि उपस्थित रहे।

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