छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल प्राधिकरण ने मनाया विश्व जैव ईंधन दिवस

*हरित ऊर्जा, ग्रामीण सहभागिता और खेलों के साथ एक यादगार आयोजन*

रायपुर, / छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण द्वारा विश्व जैव ईंधन दिवस का आयोजन ग्राम गोढ़ी, जिला दुर्ग में बड़े उत्साह और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर सुमित सरकार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीबीडीए) द्वारा सभी ग्राम वासियों को विश्व जैव ईंधन दिवस की बधाई एवं शुभकामना संदेश प्रेषित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों एवं ग्रामवासियों को सीबीडीए द्वारा टी-शर्ट्स एवं टोपी वितरित कर उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। इस मौके पर ग्रामीणों को जैव ईंधन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

एपीओ संतोष कुमार मैत्री ने कहा कि ग्राम गोढ़ी में निर्मित बायोएथेनॉल प्रदर्शन संयंत्र का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में जैव ईंधन अनुसंधान को बढ़ावा देना है, ताकि अधिक से अधिक जैव ईंधन का उत्पादन कर राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि लगभग 85 प्रतिशत तेल का आयात विदेशों से किया जाता है, जिस पर देश की अत्यधिक मुद्रा व्यय होती है। जैव ईंधन उत्पादन को बढ़ावा देने से न केवल तेल आयात पर निर्भरता कम होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार और आय के नए स्रोत भी उपलब्ध होंगे।

श्री मैत्री ने बताया कि सीबीडीए ने सबसे पहले अखाद्य तैलीय बीजों के तेल से बायोडीजल उत्पादन का कार्य सफलतापूर्वक किया था। जिसे वर्तमान में प्रयुक्त खाना पकाने के तेल से भी किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण ने बायोजेट ईंधन के उत्पादन, बायोएथेनॉल उत्पादन में सफल रहा है और भविष्य में हरित हाइड्रोजन, सीबीजी एवं एसएएफ जैसे अन्य जैव ईंधनों पर भी कार्य करने की योजना बना रहा है।

वैज्ञानिक डॉ. प्रीति कौर, एपीओ लव त्यागी एवं रमेश मेढेकर ने राज्य में जैव ईंधन अनुसंधान की संभावनाओं, उनकी महत्ता तथा इनके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण एवं आमजन के जीवन पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।  सहायक लेखाधिकारी-सह-वित्त अधिकारी श्रीमती अंजली जोगदंड ने बताया कि सीबीडीए द्वारा किए जा रहे प्रयासों से राज्य की अर्थव्यवस्था को एक स्थायी एवं स्वच्छ ऊर्जा स्रोत प्राप्त हो रहा है, जो भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र की दिशा और दशा दोनों को बदल सकता है।  ग्राम गोढ़ी के ग्रामीणों का कहना था कि इस संयंत्र ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, बल्कि उन्हें यह विश्वास भी दिलाया है कि आधुनिक तकनीक और ग्रामीण संसाधनों का समन्वय करके स्थायी विकास संभव है। कार्यक्रम के दौरान जैव ईंधन के प्रति जन-जागरूकता फैलाने, ग्रामीण युवाओं को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित करने और छत्तीसगढ़ को जैव ईंधन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। कार्यक्रम में विभिन्न मनोरंजक एवं प्रेरणादायक गतिविधियों भी आयोजित की गईं। वृक्षारोपण कार्यक्रम में सरपंच एवं उप सरपंच ने पूरे उत्साह से भाग लिया और गाँववासियों को हरित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने का संदेश दिया। इस अवसर पर रस्सी खींच प्रतियोगिता, क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ।

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