बीसीसीएल द्वारा कल्याण भवन में राष्ट्रीय कर्मयोगी कार्यशाला का आयोजन

तीन-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज कई महत्वपूर्ण सत्रों का आयोजन। कंपनी के विभिन्न क्षेत्रों और विभागों से ई-4, ई-5 एवं ई-6 स्तर के अधिकारी ले रहे हैं भाग।

धनबाद। मिशन कर्मयोगी के उद्देश्यों को साकार करने की दिशा में बीसीसीएल में तीन-दिवसीय ‘राष्ट्र्रीय कर्मयोगी फेसिलिटेटर कार्यशाला’ का आयोजन कल्याण भवन एचआरडी सेंटर, जगजीवन नगर में किया जा रहा है, जिसमें कंपनी के विभिन्न क्षेत्रों और विभागों से ई-4, ई-5 एवं ई-6 स्तर के 30 अधिकारी भाग ले रहे हैं।

18-20 अगस्त तक आयोजित इस कार्यशाला के दूसरे दिन आज प्रतिभागियों को कार्यक्रम के क्रियान्वयन की रूपरेखा, कार्यक्रम की संरचना और विषयवस्तु, Illumine PedGog प्लेटफॉर्म का उपयोग और फेसिलिटेशन के तौर-तरीकों पर प्रशिक्षित किया गया। दूसरे दिन के प्रशिक्षण सत्र का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम की संरचना, कार्यक्रम संचालन की रूपरेखा और फेसिलिटेशन तकनीकों से परिचित कराना रहा, ताकि वे राष्ट्र्रीय कर्मयोगी कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से संचालित करने में सक्षम बन सकें। इसके साथ ही अभ्यास सत्रों के माध्यम से व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान किया गया। तीसरे और अंतिम दिन विस्तृत प्रैक्टिस राउंड आयोजित किया जाएगा और समापन मूल्यांकन सत्र में प्रतिभागियों को प्रशिक्षकों से व्यक्तिगत फीडबैक भी प्राप्त होगा।

दिन-2 की शुरुआत ‘ओवरव्यू ऑफ हाउ द इंटरवेंशन विल रोल आउट’ (कार्यक्रम की रूपरेखा का अवलोकन) सत्र से हुई, जिसमें प्रतिभागियों को कार्यक्रम की प्रगति की प्रक्रिया और उसमें उनकी महत्वपूर्ण भूमिका से अवगत कराया गया। इसके बाद आयोजित ‘स्ट्रक्चर एंड कंटेंट ऑफ द प्रोग्राम’ (कार्यक्रम की संरचना और विषयवस्तु) सत्र में प्रतिभागियों ने न केवल कार्यक्रम के ढांचे को समझा बल्कि इसके उद्देश्यों और मूल विचारों को भी गहराई से आत्मसात किया। दिन का तीसरा सत्र ‘लर्निंग टू यूज़ द इल्यूमिनेट पेडगॉग प्लेटफॉर्म’ (इल्यूमिनेट पेडगॉग प्लेटफॉर्म) के उपयोग पर केंद्रित रहा। प्रतिभागियों को इस तकनीकी उपकरण का प्रयोग कर मॉड्यूल्स, अभ्यासों और आकलनों को प्रभावी ढंग से लागू करने का प्रशिक्षण दिया गया।

इसके उपरांत ‘हाउ टू फसिलिटेट दिस प्रोग्राम’ (कैसे संचालित करें यह कार्यक्रम) विषयक सत्र में फेसिलिटेशन की मूलभूत अवधारणाओं और 10 प्रमुख क्षमताओं पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रतिभागियों को खोज-आधारित और सहभागिता-प्रधान दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए अगले दिन के प्रैक्टिस राउंड्स के लिए तैयार किया गया। दिन के अंत में प्रैक्टिस राउंड-1 आयोजित हुआ, जिसमें 9 अभ्यास चक्रों के माध्यम से प्रतिभागियों ने फेसिलिटेशन का व्यावहारिक अभ्यास किया और एक-दूसरे से प्राप्त फीड-फॉरवर्ड के आधार पर अपने कौशल को और निखारा। अंतिम चरण में दिन-2 का आकलन (Assessment) किया गया और प्रतिभागियों को अगले दिन के लिए प्रैक्टिस असाइनमेंट सौंपे गए।

बता दें कि तीन दिवसीय इस कार्यशाला को चरणबद्ध ढंग से तैयार किया गया है, जिसमें अलग-अलग मॉड्यूल्स और सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। कल आरंभ हुए पहले दिन की शुरुआत परिचय सत्र से हुईं, जिसके बाद चार मुख्य मॉड्यूल्स आयोजित किए गए। इनमें ‘हू इज़ अ राष्ट्रीय कर्मयोगी’ (कौन है राष्ट्र्रीय कर्मयोगी), ‘एक्सपैंडिंग आवर विज़न ऑफ सक्सेस एंड फुलफिलमेंट’ (सफलता और संतुष्टि की नई दृष्टि), ‘क्रिएटिंग कर्मयोगी मोमेंट्स’ (कर्मयोगी क्षणों का निर्माण) तथा ‘द राष्ट्रीय कर्मयोगी ऐज़ अ नेशन बिल्डर’ (राष्ट्र्रीय कर्मयोगी के रूप में राष्ट्र निर्माण) जैसे विषय शामिल थे। इन सत्रों के दौरान प्रतिभागियों को समूह गतिविधियों और चार्ट पेपर अभ्यासों के माध्यम से सक्रिय भागीदारी का अवसर दिया गया तथा दिन का समापन मूल्यांकन और समीक्षा के साथ किया गया।

यह कार्यशाला मिशन कर्मयोगी की व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सितंबर 2020 में किया गया था। यह पहल देश में सरकारी कर्मचारियों की सोच और दृष्टिकोण को आधुनिक बनाने, उनके कौशल को उन्नत करने तथा नवीन कार्यसंस्कृति विकसित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। मिशन कर्मयोगी के तहत सरकारी कर्मचारियों को केवल ‘कर्मचारी’ नहीं बल्कि ‘कर्मयोगी’ बनने का अवसर दिया जा रहा है, ताकि वे अपने कार्य को जनसेवा और राष्ट्र निर्माण से जोड़ सकें। इस मिशन के अंतर्गत अब तक आयोजित जन सेवा कार्यक्रमों के माध्यम से 10 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी लाभान्वित हो चुके हैं और इन कार्यक्रमों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि इनका प्रत्यक्ष और ठोस प्रभाव जनता तक पहुंचे।

बीसीसीएल द्वारा आयोजित यह कार्यशाला न केवल अधिकारियों को आधुनिक दृष्टिकोण से प्रशिक्षित करेगी बल्कि उन्हें अपने दैनिक कार्यों को राष्ट्र निर्माण के बड़े लक्ष्य से जोड़ने के लिए भी प्रेरित करेगी। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को व्यवहारिक अभ्यास, समूह चर्चा, मूल्यांकन और प्रैक्टिस राउंड्स के माध्यम से सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा।

कार्यशाला में बतौर लीड ट्रेनर अतुल शर्मा (प्रबंधक, मानव संसाधन) और अरिजीत चक्रवर्ती (उप प्रबंधक, जनसंपर्क) उपस्थित रहें। बता दें कि दोनों प्रशिक्षकों की अनुशंसा कोयला मंत्रालय द्वारा उनके सीबीसी में पांच दिवसीय ट्रेनिंग के पश्चात की गयी है। प्रशिक्षकों ने कार्यशाला के प्रथम दिन जहाँ मिशन कर्मयोगी की पृष्ठभूमि, कार्यशाला के एजेंडे तथा प्रशिक्षण की रूपरेखा पर विस्तृत जानकारी दी, वही आज प्रतिभागियों के लिए कई महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किये गए, जिसमें उन्हें Illumine PedGog प्लेटफॉर्म के उपयोग और फेसिलिटेशन के तौर-तरीकों पर विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया।

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