रणनीतिक संवादात्मक बैठक में आयात प्रतिस्थापन एवं व्यापार सुगमता पर साझा किये गए विचार
धनबाद। कोल इंडिया लिमिटेड की प्रमुख अनुषंगी इकाई और देश की अग्रणी कोकिंग कोल उत्पादक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड द्वारा आज गोविंदपुर धनबाद स्थित वेडलॉक ग्रीन्स रिसोर्ट में इस्पात क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों के साथ एक उच्चस्तरीय संवादात्मक बैठक-सह-कार्यशाला का आयोजन किया। आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्देश्य कोयला-इस्पात क्षेत्रों के बीच पारस्परिक सहयोग सुदृढीकरण तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत आयात प्रतिस्थापन एवं व्यापार सुगमता को बढ़ावा देना था। यह आयोजन विशेष रूप से स्टील (कोकिंग) उप-क्षेत्र के लिए प्रस्तावित लिंकज नीलामी ट्रांच-VIII को ध्यान में रखकर किया गया था।
इस अवसर पर सीआईएल और बीसीसीएल के शीर्ष नेतृत्व ने अपनी सहभागिता की, जिनमें समीरन दत्ता, अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, मुकेश चौधरी, निदेशक (विपणन) कोल इंडिया लिमिटेड के साथ ही बीसीसीएल निदेशक (एचआर) एम.के. रमैया, निदेशक (वित्त), आर.के. सहाय, निदेशक (तकनीकी/संचालन), एस.के. सिंह, निदेशक (योजना एवं परियोजना) मनोज कुमार अग्रवाल और हितेश वर्मा, महाप्रबंधक (विपणन एवं बिक्री) सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी तथा स्टील उद्योग के 25 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया जिसके पश्चात पॉवर-पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिये बीसीसीएल द्वारा लिंकज नीति में किए गए महत्वपूर्ण सुधारों और पहलों की जानकारी साझा की गयी। बताया गया कि महत्वपूर्ण प्रावधानों के तहत अब स्टील संयंत्रों को अन्य कोकिंग कोल वाशरी संचालित करने वाले उद्योगों जैसे कि संयुक्त बिजली संयंत्र, सीमेंट, कागज, वस्त्र, और कैप्टिव पावर प्लांट्स के साथ कंसोर्टियम (संघ) बनाने की अनुमति दी गई है। इस नीतिगत बदलाव न केवल सहभागिता में लचीलापन प्राप्त होगा, बल्कि घरेलू कोयला धुलाई अवसंरचना में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और आयातित कोयले पर निर्भरता कम होगी। ट्रांच-VIII नीलामी की सन्दर्भ में बताया गया कि इस पहल से 15 वर्षों की लिंकेज अवधि के दौरान लीड स्टील संयंत्रों और कंसोर्टियम सदस्यों को बदला जा सकता है, जोकि उद्योगों की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप एक ऐतिहासिक व्यापार सुगमता प्रोसेस है।

सत्र में ट्रांच-VIII कोकिंग कोल लिंकज नीलामी पर विशेष चर्चा हुई, जिसमें कंसोर्टियम बिडिंग की सुगमता एवं लचीलेपन को साझेदारी और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने वाला प्रमुख कदम बताया गया। बैठक के दौरान कोयले की गुणवत्ता, आयात प्रतिस्थापन रणनीतियाँ, और स्टील क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु बीसीसीएल की रणनीतियों पर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
कार्यक्रम में 25 से अधिक स्टील कंपनियों की उपस्थति रही, जिनमें सेल, आरआईएनएल, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसपीएल, आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील, भूषण पावर एंड स्टील, सनफ्लैग स्टील, रूंगटा स्टील, श्याम सेल एंड पावर ईएसएल स्टील, श्याम स्टील, यूनीसेवन, वीजा मिनमेटल, स्मोकलेस फ्यूल्स इंड प्राइवेट लिमिटेड, ऑरोमा, मेटालाइट कोक, वसुधा कोक सहित प्रमुख स्टील कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे। भारतीय इस्पात संघ, अखिल भारतीय इंडक्शन फर्नेस संघ, भारतीय खनिज उद्योग महासंघ और भारतीय कोयला उपभोक्ता संघ जैसे प्रमुख उद्योग संघों के साथ ही वीजा कोक, बसुधा कोक, अरोमा कोक आदि जैसे कोकिंग कोयला से संबंद्ध उत्पादकों ने आयात प्रतिस्थापन को बढ़ाने के सुझावों के साथ इंटरैक्टिव सत्र के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराई महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, कोल इंडिया के निदेशक (मार्केटिंग) मुकेश चौधरी ने कहा: “भारत में कोयला क्षेत्र एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। आत्मनिर्भर भारत का मूल उद्देश्य स्वदेशी उत्पादन के माध्यम से हमारी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करना है। बीसीसीएल में, रणनीतिक जोर पावर क्षेत्र से इस्पात क्षेत्र की ओर स्थानांतरित हो रहा है। चालू वित्त वर्ष में, 24 लाख टन से अधिक कोकिंग कोल विशेष रूप से इस्पात उपभोक्ताओं को प्रस्तुत किया गया है। पारदर्शिता और निष्पक्षता हमारे विपणन कार्यों के मूल में हैं। हमारी ऑनलाइन प्रणाली को पूरी तरह से सुव्यवस्थित किया गया है, और हमारा मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनकी कोयला आवश्यकताओं को सहजता से प्राप्त करने और प्रबंधित करने में सक्षम बनाना है।
इस अवसर पर बीसीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री दत्ता ने कहा कि यह संवादात्मक सत्र बीसीसीएल की स्टील उद्योग के साथ दीर्घकालिक और मजबूत साझेदारी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत की कोकिंग कोल आपूर्ति का प्रमुख स्तंभ होने के नाते, बीसीसीएल गुणवत्ता, पारदर्शिता और नवाचार के माध्यम से देश की ऊर्जा और औद्योगिक आवश्यकताओं को समर्थन देने हेतु तत्पर है। उन्होंनें कहा कि बीसीसीएल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के साथ अपने प्रयासों को जोड़ते हुए घरेलू उद्योगों को सशक्त करने और कोयला आयात पर निर्भरता को न्यूनतम करने का प्रयास कर रहा है।
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में प्रश्नोत्तर एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों को अपने विचार साझा करने और शंकाओं के समाधान का अवसर मिला। इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी किया गया, जिसमें मीडिया प्रतिनिधियों ने बीसीसीएल के नेतृत्व के साथ संवाद किया। समापन सत्र में निदेशक (मानव-संसाधन) मुरली कृष्ण रमैया ने कार्यशाला में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों के प्रति कार्यक्रम में सम्मिलित होने तथा इसे सफल बनाने हेतु अपना आभार व्यक्त किया तथा औपचारिक रूप से बीसीसीएल प्रबंधन की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन बीसीसीएल के महाप्रबंधक (विपणन एवं विक्रय) हितेश वर्मा ने किया।

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