बीसीसीएल सीएमडी मनोज कुमार अग्रवाल एवं श्रीमती अर्चना अग्रवाल ने कोलकाता में आयोजित 11वें एशियन माइनिंग कांग्रेस के सांस्कृतिक सत्र की मेज़बानी की
तकनीकी सत्र में भी सीएमडी श्री अग्रवाल ने की सक्रिय भागीदारी। बीसीसीएल ने प्रतिष्ठित आयोजन में किया है अपने ‘लॉन्गवाल एवं मोनोरेल’ के मॉडल का प्रदर्शन
धनबाद। बीसीसीएल सीएमडी मनोज कुमार अग्रवाल एवं श्रीमती अर्चना अग्रवाल ने आज जे डब्ल्यू मैरियट, कोलकाता में आयोजित 11वें एशियन माइनिंग कांग्रेस के अंतर्गत आयोजित सांस्कृतिक संध्या की मेज़बानी की। इस अवसर पर श्री अग्रवाल एवं श्रीमती अग्रवाल ने सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका पद्मश्री शुभा मुद्गल का स्वागत किया, जिनके सुरम्य गायन ने कार्यक्रम को एक नई ऊँचाई प्रदान की। सांस्कृतिक संध्या में देश-विदेश से आए खनन विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों एवं उद्योग प्रतिनिधियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
इससे पूर्व, दो-दिवसीय इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में कल आयोजित तकनीकी सत्र में मनोज कुमार अग्रवाल ने ‘ड्रिलिंग एंड ब्लास्टिंग टेक्नोलॉजीज़’ विषय पर आधारित सत्र में अध्यक्ष के रूप में अपनी सहभागिता की। सत्र में खनन क्षेत्र की प्रतिष्ठित संस्थाओं के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों ने ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग तकनीकों पर आधारित छह शोध-पत्रों का प्रस्तुतिकरण किया, जिनमें जिम्मेदार विस्फोटन तकनीक, भूकंपीय कंपन नियंत्रण, मशीन लर्निंग आधारित विश्लेषण, तथा संवेदनशील क्षेत्रों में वैकल्पिक विस्फोटन पद्धतियों जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई।
अपने संबोधन में अग्रवाल ने कहा कि खनन क्षेत्र में सुरक्षा, उत्पादकता और स्थायित्व को बढ़ाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने वैज्ञानिकों एवं तकनीकी विशेषज्ञों को व्यावहारिक खनन समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि बीसीसीएल अपने खनन कार्यों में नवीनतम तकनीकों के समावेशन के लिए निरंतर प्रयासरत है।
कार्यक्रम के दौरान अग्रवाल ने आज बिश्वा बांग्ला मेला प्रांगण में आयोजित इंटरनेशनल माइनिंग एग्ज़िबिशन (IME 2025) का भी दौरा किया, जो एशियन माइनिंग कांग्रेस का एक प्रमुख अंग है। बीसीसीएल द्वारा इस प्रतिष्ठित आयोजन में अपने ‘लॉन्गवाल एवं मोनोरेल खनन प्रणाली’ का कार्यशील मॉडल प्रदर्शित किया गया है। बीसीसीएल का स्टॉल प्रदर्शनी का आकर्षण केंद्र बना हुआ है, जो भारतीय कोयला उद्योग की तकनीकी प्रगति, नवाचार क्षमता और सतत खनन की दिशा में संगठन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि बीसीसीएल द्वारा मुनिडीह कोलियरी में वर्ष 1978 में देश की पहली यंत्रीकृत पावर्ड रूफ सपोर्ट लॉन्गवाल प्रणाली स्थापित की गई थी, जो आज भी गहरे कोयला भंडारों के दोहन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसके अतिरिक्त, बीसीसीएल द्वारा भारत में पहली बार सस्पेंडेड डीज़ल-हाइड्रोलिक मोनोरेल प्रणाली भी विकसित किया गया है, जो सतह से सीधे भूमिगत लॉन्गवाल फेस तक 30 टन तक भार वहन करने में सक्षम है। यह तकनीक उपकरण परिवहन में समय और श्रम दोनों की बचत करते हुए सुरक्षा और उत्पादकता में अभूतपूर्व वृद्धि सुनिश्चित करती है।
11वां एशियन माइनिंग कांग्रेस एवं इंटरनेशनल माइनिंग एग्ज़िबिशन (AMC-IME 2025) का आयोजन माइनिंग, जियोलॉजिकल एंड मेटलर्जिकल इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (MGMI) द्वारा किया जा रहा है। यह दो दिवसीय आयोजन 30 और 31 अक्टूबर 2025 को जे डब्ल्यू मैरियट, कोलकाता एवं बिश्वा बांग्ला मेला प्रांगण में आयोजित हो रहा है। इस आयोजन में भारत सहित एशिया के विभिन्न देशों से खनन विशेषज्ञ, नीति निर्माता, वैज्ञानिक, उद्योग प्रतिनिधि एवं तकनीकी संस्थान भाग ले रहे हैं।

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