बीसीसीएल और सीपेट रायपुर के बीच युवाओं के कौशल विकास हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

धनबाद। कंपनी की सीएसआर पहल के अंतर्गत 120 परियोजना प्रभावित अभ्यर्थियों को मिलेगा तकनीकी प्रशिक्षण। प्रतिष्ठित पेट्रोकेमिकल संस्थानों में मिलेंगें रोजगार के अवसर।

भारत कोकिंग कोल लिमिटेड और सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीपेट), रायपुर के बीच आज एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर संपन्न हुआ, जिसके तहत बीसीसीएल के परियोजना प्रभावित क्षेत्रों के 120 अभ्यर्थियों को बीसीसीएल सीएसआर पहल के अंतर्गत कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। चार माह की अवधि के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अभ्यर्थियों को मशीन ऑपरेटर- प्लास्टिक प्रोसेसिंग, इंजेक्शन मोल्डिंग, ब्लो मोल्डिंग, प्लास्टिक एक्सट्रूज़न, टूल रूम तथा मशीन ऑपरेटर एवं प्रोग्रामर–सीएनसी मिलिंग एवं सीएनसी लेथ जैसे विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षित किया जायेगा।  कोयला भवन मुख्यालय में आयोजित एमओयू हस्ताक्षर समारोह में बीसीसीएल की ओर से निदेशक (मानव संसाधन)  मुरली कृष्ण रमैया के अतिरिक्त महाप्रबंधक (सीएसआर)  कुमार मनोज तथा सीएसआर टीम उपस्थित रहीं, जबकि सीपेट रायपुर की ओर से प्रबंधक (तकनीकी)  रविंद्र रेड्डी एवं सहायक तकनीकी अधिकारी  एस. पृथ्वीराज ने भाग लिया।

अवसर पर निदेशक (मानव संसाधन)  मुरली कृष्ण रमैया ने कहा कि किसी भी संगठन की सफलता केवल उसके मूल कार्यों एवं निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति में नहीं बल्कि उसके सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में निहित होती है, और आज का यह समझौता ज्ञापन हमारे इसी संकल्प का एक उदाहरण है। परियोजना का उद्देश्य चयनित अभ्यर्थियों को केवल तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना नहीं, बल्कि कौशल और ज्ञान से सशक्त बनाना है, जो उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर के साथ उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव ला सकें। बीसीसीएल खनन गतिविधियों के साथ अपने सीएसआर प्रयासों के तहत स्थानीय नागरिकों एवं युवाओं के जीवन स्तर बेहतर करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। 

उल्लेखनीय है कि लगभग ₹82.04 लाख की अनुमानित लागत से क्रियान्वित इस परियोजना के लिए बीसीसीएल और सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीपेट) रायपुर की संयुक्त टीम ने प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाकर संभावित उम्मीदवारों से सीधा संवाद किया, जिसके परिणामस्वरूप निर्धारित मानकों और मौजूदा एसओपी के अनुसार 120 युवाओं का चयन किया गया। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद प्रतिभागियों को प्रतिष्ठित पेट्रोकेमिकल संस्थानों में प्लेसमेंट सहायता भी प्रदान की जाएगी, जिससे ग्रामीण युवाओं को रोजगार के नए अवसर और वंचित परिवारों के लिए सतत आजीविका का मार्ग प्रशस्त होगा। 

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