बालको के सुपरहीरो मैदान से मशीन तक हर मोर्चे पर विजयी

बिजनेस एनालिस्ट नवीन नायक ने बालको में अपनी पेशेवर भूमिका के साथ-साथ खेल जगत में भी अपनी पहचान बनाई

बालको का हर कर्मचारी सिर्फ़ एक प्रोफेशनल ही नहीं, बल्कि जुनून, अनुशासन और प्रेरणा का प्रतीक है

कोरबा। भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) सिर्फ़ एक औद्योगिक संस्थान नहीं, बल्कि उन सपनों की भूमि है जहां मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास से असंभव को संभव बनाया जाता है। यहां के कर्मचारी अपने कार्यों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ-साथ खेलों में भी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बालको का नाम रोशन कर रहे हैं। चाहे वह मार्शल आर्ट्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले नवीन नायक हों, क्रिकेट मैदान में धमाका करने वाली ट्रांसजेंडर गीतू यादव, ऑलराउंडर नरेश कश्यप हों या फिर अंतरराष्ट्रीय बॉडीबिल्डिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे मुकेश कुमार गुप्ता, इन सभी की कहानियां दर्शाती हैं कि बालको का हर कर्मचारी सिर्फ़ एक प्रोफेशनल ही नहीं, बल्कि जुनून, अनुशासन और प्रेरणा का प्रतीक है।

बिजनेस एनालिस्ट नवीन नायक ने बालको में अपनी पेशेवर भूमिका के साथ-साथ खेल जगत में भी अपनी पहचान बनाई है। उनकी गोल्ड मेडल जीत इस बात का प्रमाण है कि आत्म-नियंत्रण और निरंतर प्रयास से असंभव भी संभव हो जाता है। नवंबर 2024 में कोरबा स्थित एक एमएमए अकादमी से मार्शल आर्ट्स की शुरुआत करने वाले नवीन ने प्रतिदिन सुबह उठकर कराटे, ताइक्वांडो, जूडो, किकबॉक्सिंग और बॉक्सिंग का कठिन प्रशिक्षण लिया।

मार्च 2025 से मजबूती के साथ ताइक्वांडो पर केंद्रित अभ्यास शुरू किया। मई और जून के महीनों में जब अधिकांश लोग छुट्टियों का आनंद ले रहे थे, तब नवीन ने दिन-रात अभ्यास किया। इस मेहनत का फल उन्हें जुलाई 2025 में मिला, जब उन्होंने छत्तीसगढ़ स्टेट ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपनी कड़ी मेहनत को सार्थक किया। यह जीत केवल एक पदक नहीं, बल्कि उनकी इच्छाशक्ति और अनुशासन का प्रतीक है।

ऑफिस की जिम्मेदारियों और खेल की चुनौतियों के बीच संतुलन बनाकर, बालको कर्मचारी नरेश ने यह दिखा दिया कि एक सच्चा खिलाड़ी केवल मैदान में ही नहीं, जीवन के हर क्षेत्र में चमकता है। नरेश कश्यप की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो यह मानते हैं कि प्रोफेशनल सफलता और स्पोर्ट्स पैशन एक साथ नहीं चल सकते।

छत्तीसगढ़ लीजेंड्स प्रीमियर लीग (सीएलपीएल) में क्रिकेट के मैदान पर अपना जादू बिखेरा। 260 रन बनाकर टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन स्कोरर बने। आतिशी पारी के लिए मास्टर ब्लास्टर का खिताब मिला। सीजीवीसीए और छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित इस टी20 टूर्नामेंट में आईपीएल की तर्ज पर प्लेयर ऑक्शन के साथ हुआ, नरेश ने अपनी बहुआयामी प्रतिभा से सभी को चौंकाया। नरेश की यह प्रदर्शन सिर्फ़ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि उनके जुनून और मेहनत का प्रमाण है। उन्होंने यह दिखाया कि जुनून के साथ खेला गया हर खेल, एक मिसाल बन जाता है। उन्होंने बालको की तरफ़ से खेलते हुए अपनी कप्तानी में कई बार केएल मेहता तथा अन्य कप में जीत दिलायी है।

शिवरीनारायण के छोटे से कस्बे से निकलकर, बालको कर्मचारी मुकेश कुमार गुप्ता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर तक का सफ़र तय किया है। अब भारत के उस बॉडीबिल्डिंग टीम का हिस्सा हैं, जो नवंबर में इंडोनेशिया में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भाग लेने जा रही है। रोजाना 8 घंटे की शिफ्ट और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद उन्होंने अपने सपने को ज़िंदा रखा।

दो साल के ब्रेक के बाद उन्होंने लौह-इच्छाशक्ति के साथ वापसी की। 3 जून 2025 को पुणे के सिल्वर पैलेस में हुए ट्रायल्स में उन्होंने भारतीय टीम के लिए चयनित हुए जो नवंबर में इंडोनेशिया में होने वाली वर्ल्ड चैम्पियनशिप में हिस्सा लेगी। अपने चयन को सही साबित करते हुए 15 जून को भूटान के थिम्पू में आयोजित साउथ एशियन बॉडीबिल्डिंग चैम्पियनशिप में उन्होंने भारत के लिए रजत पदक जीता। 80 किग्रा वर्ग में यह पदक जीतने वाले मुकेश ने कहा कि उनके पास अब चार महीने हैं और वे देश के लिए एक सशक्त चुनौती के रूप में उभरने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे।

बालको लेडीज़ क्लब की सदस्य सोनाली सेनापति ने क्रिकेट मैदान पर ऐसा प्रदर्शन किया, जो लंबे समय तक याद रखा जाएगा। उर्जा कप विमेंस प्रीमियर लीग में उन्होंने मात्र 31 गेंदों में 102 रनों की विस्फोटक पारी खेली और बेस्ट बैट्सवुमन का खिताब जीता। उनकी बल्लेबाज़ी में आत्मविश्वास, ताकत और तकनीक का शानदार मिश्रण देखने को मिला, जो महिला क्रिकेट के लिए नई उम्मीद बनकर उभरा है। उनका जज़्बा इस बात का प्रतीक है कि अगर हौसला हो, तो कोई भी सीमा बड़ी नहीं होती।

बालको में कार्यरत गीतू यादव और सुदिप्ता ने देश की पहली ट्रांसजेंडर क्रिकेट लीग पीपल्स यूनिटी कप में भाग लेकर इतिहास रच दिया। ओशेनिक द्वारा आयोजित यह टूर्नामेंट पंचकूला के ताऊ देवी लाल क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया। यह कप समावेशिता और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण क़दम साबित हुआ। इसमें देशभर से ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों ने भाग लिया और अपनी प्रतिभा, साहस और खेल भावना का परिचय दिया। गीतू इससे पहले बालको प्रीमियर लीग में भी बेहतरीन खेल दिखा चुकी हैं। पीपल्स यूनिटी कप सिर्फ़ एक क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं, बल्कि समाज में बदलाव और समावेशिता का प्रतीक बन गया है।

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