धरती आबा जनजातीय अभियान के तहत जागरूकता एवं जनजातीय सशक्तिकरण शिविर का हुआ समापन

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपनी भूमि, अपनी संस्कृति और अपने लोगों के अधिकारों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया –  दुर्गादास उईके

सोनभद्र।  धरती आबा जनजातीय अभियान के तहत जागरूकता एवं जनजातीय सशक्तिकरण शिविर कार्यक्रम का भव्य समापन आज पंचायत रिसोर्स सेन्टर विकास भवन में किया गया, समापन कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री  दुर्गादास उईके,  राज्य मंत्री समाज कल्याण विभाग संजीव कुमार गौंड़ ने दीप प्रज्ज्वलन कर व भगवान बिरसा मुण्डा जी के चित्र पर माल्यार्पण कर  किया  , इस अवसर पर जिलाधिकारी  बी0एन0 सिंह, पुलिस अधीक्षक  अशोक कुमार मीणा,  उपाध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग  जीत सिंह खरवार, संजय गोड़ अनुसूचित जनजाति आयोग के प्रदेश अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष श्रीमती रूबी प्रासद, भाजपा जिलाध्यक्ष  नन्दलाल गुप्ता, भाजपा महिला मेार्चा अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा सिंह, महामंत्री भाजपा कृष्ण मुरारी गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य  मोहन कुशवाहा, श्रवण गौंड़, मुख्य विकास अधिकारी जागृति अवस्थी सहित सम्मानित जनप्रतिनिधिगण व अधिकारीगण उपस्थित रहें। इस दौरान कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत, करमा नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति की गयी।

इस अवसर पर  केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री भारत सरकार  दुर्गादास उईके ने उपस्थित जनमानस व विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 02 अक्टूबर,2024 को धरती आबा कार्यक्रम की शुरूआत की थी, धरती आबा एक योजना नहीं बल्कि यह एक विजन है, जिसमें समाज के अति पिछड़े जनजाति बाहुल्य गांवों में 17 विभागों द्वारा मिलकर समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्य धारा में जोड़ने हेतु केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोनभद्र एक ऐसा जिला जो समृद्ध जनजातीय विरासत और अटूट आत्मबल का प्रतीक है। आज का यह अवसर केवल उत्सव का नहीं, बल्कि जनजातीय सशक्तिकरण के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को दोहराने का है। यह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हमारी सरकार के उस संकल्प का प्रतीक है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास‘ और सबका प्रयास के मूल मंत्र पर आधारित है। आज हम यहाँ ‘धरती आबा जनभागीदारी अभियान‘ के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर खड़े हैं, जहाँ हम अपने जनजातीय समाज के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए मिलकर काम करने का संकल्प दोहरा रहे हैं। धरती आबा जनभागीदारी अभियान आजादी के बाद का सबसे बड़ा जनजातीय सशक्तिकरण अभियान हैं, यह अभियान 15 जून 2025 को प्रारंभ हुआ और 14 जुलाई 2025 को आज परिवर्तन की ऐतिहासिक गाथा रची गई। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनधन), जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, देश के सबसे वंचित और दूरस्थ जनजातीय समूहों, विशेष रूप से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। 

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपनी भूमि, अपनी संस्कृति और अपने लोगों के अधिकारों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, यह अभियान भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों से प्रेरित है और इसका उद्देश्य जनजातीय गाँवों को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाना है। इसी प्रकार से अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष श्री श्री जीत सिंह खरवार ने उपस्थित जनमानस को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोई भी विकास तब तक सफल नहीं हो सकता, जब तक उसमें स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी न हो। यह अभियान जनजातीय समुदायों को अपनी आवश्यकताओं को पहचानने, अपनी समस्याओं का समाधान खोजने और अपने विकास की दिशा तय करने में सक्षम बनाता है। इसमें ग्राम सभाओं को सशक्त किया जा रहा है, स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, और
उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा
रहा है। इस अवसर पर श्रीमती रूबी प्रसाद, श्रवण कुमार गौंड,  संजय गोंड़ ने भी अपने
विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को मंत्री ने स्वीकृति प्रमाण-पत्र का वितरण भी किये, प्रधान मंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, निराश्रित महिला पेंशन, दिव्यांगजन प्रमाण-पत्र, स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय स्वीकृति पत्र व वनाधिकार पट्टे की खतौनी सहित विभिन्न स्वीकृति प्रमाण-पत्र का वितरण किये। 

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