कृषकों के भरोसे और उत्पादों की गुणवत्ता से बढे़गा एपीओ का बाजार – अनुज शर्मा

किसान देश की रीढ की हड्डी, सैनिकों की तरह मिले सम्मान : महापौर श्रीमती चौबे

छत्तीसगढ़ में कृषक उत्पादक संगठनों को बढ़ावा देने तीन दिवसीय मेला सह – प्रदर्शनी शुरू
रायपुर,/विधायक अनुज शर्मा ने आज कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित तीन दिवसीय कृषि उत्पादक संगठन मेला सह – प्रदर्शनी कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर नगर निगम रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे, कुलपति डॉ. गिरिश चंदेल, नाबार्ड के प्रबंध संचालक श्री ज्ञानेंद्र मणी विशेष रूप से उपस्थित थे।

अतिथियों ने इस दौरान कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में कृषक उत्पादक संगठनों के गठन एवं गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग, छत्तीसगढ़ शासन तथा लघु कृषक कृषि व्यापार संघ, भारत सरकार नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में 26 से 28 मार्च, तक तीन दिवसीय कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) मेला सह प्रदर्शनी का आयोजन कृषि महाविद्यालय, रायपुर के कृषि मंडपम् में किया जा रहा है।

नगर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने कहा कि किसान देश की रीढ की हड्डी है। किसान योद्धा की तरह अन्न का उत्पादन करते हैं उन्हें सम्मान मिले यह हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि हमें अनाज के लिए किसानों पर ही निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन जो उत्पादकर्ता किसान हैं उन्हें उनकी उत्पाद का वास्तविक मूल्य नहीं मिल पाता यह विचारणीय है।

कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि किसानों द्वारा उत्पादन करना एक बात है और उसे बाजार तक पहुंचाना दूसरी बात है। उन्होंने कहा कि किसानों को बाजार में भरोसा बनाए रखने के लिए गुणवत्ता बनाए रखना जरूरी है। मेले में छत्तीसगढ़ के विभिन्न कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा निर्मित प्रसंस्कृत एवं जैविक खाद्य उत्पाद जैसे सुगंधित जैविक चावल, ब्लैक राईस, रेड साईस, ग्रीन राईस, ब्राउन राईस,, दालें, तिलहन, मसाले, मिलेट्स, मल्टीग्रेन आटा, विभिन्न फलों एवं सब्जियों के अचार, जैम, जैली, कैचप, चटनी, पापड़, कच्ची घानी का तेल, मखाना एवं जैविक गुड़ आदि की प्रदर्शनी लगायी गयी है, जो विक्रय के लिए भी उपलब्ध है। कृषक मेला सह – प्रदर्शनी कार्यक्रम को नाबार्ड छत्तीसगढ़ के प्रबंध संचालक ज्ञानेंद्र मणी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, वैज्ञानिक, अधिकारी, कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में कृषक उत्पादक संगठनों के सदस्य उपस्थित थे।

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