खनन हादसे की न्यायिक आयोग से हो जांच – एआईपीएफ 

खनन में चल रहे सिंडिकेट पर श्वेत पत्र लाए योगी सरकार ,• मजदूरों को पर्याप्त मुआवजा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो

सोनभद्र। बिल्ली मारकुंडी में हुए खनन हादसे पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट की जिला कमेटी ने खनन हादसे की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित न्यायिक आयोग द्वारा जांच कराने की उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है। 

एआईपीएफ के जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका ने बताया कि संगठन की तरफ से लिए राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि सन 2000 से भाजपा राज में शुरू हुआ अवैध खनन का कारोबार आज सिंडिकेट के हवाले हो गया है। यहां हो रहे खनन कारोबार के तार सभी सरकारों में मुख्यमंत्री कार्यालय तक जुड़े रहे हैं। इस खनन में माइन्स सेफ्टी एक्ट का खुला उल्लंघन होता है। मानक से ज्यादा गहरा खनन करके भयंकर खाई बना दी गई है। कहीं भी एनजीटी के आदेश और पर्यावरणीय नियमों का पालन नहीं होता और बार-बार जिला प्रशासन और श्रम विभाग से कहने के बावजूद खनन में लगे हुए मजदूरों का भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकरण नहीं किया गया। उनकी सामाजिक और जीवन सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है और खनन ब्लास्टिंग में नियमों का उल्लंघन करते हुए अकुशल श्रमिकों को लगा दिया जाता है। पूरे सोनभद्र की नदी, पहाड़, जंगल, विकास के मदों को गुजरात से आए सिंडिकेट ने लूट लिया है और प्राकृतिक संपदा का भयंकर दोहन जिले में हो रहा है। 

आश्चर्य यह है कि खुद मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम से चंद किलोमीटर दूरी पर बिल्ली मारकुंडी में इतना दर्दनाक हादसा होता है और दो दिन बीत जाने के बावजूद आज तक खदान में दबे सभी मजदूरों को निकाला नहीं जा सका और उनके लिए मुआवजे तक की घोषणा नहीं हुई। इसलिए भाजपा के शासन-प्रशासन और तमाम नेताओं की बयानबाजी में यदि ईमानदारी है तो उन्हें सोनभद्र में हो रही लूट के केंद्रक सिंडिकेट पर श्वेत पत्र लाना चाहिए।  एआईपीएफ ने यह भी कहा है कि खनन में हताहत हुए मजदूरों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए, पूरे खनन को सरकारी क्षेत्र में चलाया जाए और एनजीटी व माइंस सेफ्टी एक्ट का कड़ाई से अनुपालन किया जाए और इस खनन हादसे के जो भी दोषी हैं उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।

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