बोकारो स्टील प्लांट, राष्ट्र निर्माण और झारखंड की विकास यात्रा का विश्वसनीय संबल

बोकारो । स्टील प्लांट की कहानी बोकारोवासियों की दृढ़ इच्छाशक्ति, परिश्रम और आकांक्षाओं की कहानी है। लगभग छह दशक पूर्व स्थापित बोकारो स्टील, सार्वजनिक क्षेत्र के चौथे एकीकृत इस्पात संयंत्र के रूप में 1965 में तत्कालीन सोवियत संघ के सहयोग से आकार लेने लगा। 29 जनवरी 1964 को एक लिमिटेड कंपनी के रूप में इसका औपचारिक गठन हुआ और निर्माण कार्य 6 अप्रैल 1968 से आरंभ के साथ इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना ने नई दिशा पाई। आगे चलकर सार्वजनिक क्षेत्र के लौह एवं इस्पात कंपनियों (पुनर्गठन एवं विविध प्रावधान) अधिनियम, 1978 के तहत यह पहले स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की अनुषंगी और बाद में एक पूर्ण इकाई के रूप में उससे विलयित हो गया। देश के पहले स्वदेशी इस्पात संयंत्र के रूप में विशेष पहचान रखने वाले बोकारो स्टील प्लांट ने 2 अक्टूबर 1972 को अपने प्रथम ब्लास्ट फर्नेस का कमीशनिंग किया। 26 फरवरी 1978 को तीसरे ब्लास्ट फर्नेस के साथ 1.7 एमटी इनगॉट स्टील उत्पादन क्षमता के प्रथम चरण की पूर्णता हुई। निरंतर आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण के क्रम में आज प्लांट की तरल इस्पात क्षमता 4.65 मिलियन टन तक पहुँच चुकी है।

फ्लैट प्रोडक्ट्स के उत्पादन के लिए डिज़ाइन यह प्लांट आज हॉट रोल्ड कॉइल्स, प्लेट्स व शीट्स, कोल्ड रोल्ड कॉइल्स व शीट्स, तथा गैल्वेनाइज्ड प्लेन/कोरुगेटेड शीट्स जैसे विविध उत्पादों का विश्वसनीय उत्पादक है। इन उत्पादों ने देश के आधुनिक इंजीनियरिंग क्षेत्रों जैसे ऑटोमोबाइल, पाइप एवं ट्यूब, बैरल व ड्रम उद्योग को मजबूत कच्चा माल का आधार प्रदान किया है। देश की सामरिक चुनौतियों का उत्तर-बोकारो का इस्पात कई वर्षों से अपनी सार्थकता सिद्ध करता आ रहा है।

अपनी उत्पादन यात्रा में बोकारो स्टील प्लांट ने स्थापना से वर्ष 2024-25 तक 15,40,03,874 टन क्रूड स्टील का सफल उत्पादन किया है जो न केवल प्लांट की तकनीकी प्रगति को दर्शा रही है, बल्कि झारखंड के विकास और स्थानीय लोगों की समृद्धि से उसके गहरे संबंध को भी रेखांकित कर रहा है। प्लांट की यह बढ़ती क्षमता झारखंड की धरती से मिलने वाले श्रम, ऊर्जा और सहयोग की अद्भुत मिसाल प्रस्तुत कर रही है।

बोकारो स्टील भारत में विश्व-स्तरीय फ्लैट स्टील के लिए वन-स्टॉप-शॉप बनने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। राष्ट्रीय इस्पात नीति के अनुरूप SAIL एवं बोकारो स्टील प्लांट अपनी आगामी विस्तारीकरण योजनाओं को गति दे रहे हैं, जिनका उद्देश्य उत्पादन क्षमता वृद्धि के साथ-साथ स्पेशल ग्रेड स्टील्स का बड़े पैमाने पर उत्पादन करना है, जिससे आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और मजबूती मिलेगी। एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट इकाई के रूप में बोकारो स्टील प्लांट पर्यावरण संरक्षण, प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और ग्रीन स्टील आधारित सतत विकास को लेकर पूर्णतः प्रतिबद्ध है। समावेशी विकास के प्रति कटिबद्ध यह संयंत्र सीएसआर के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, पेरीफेरल डेवलपमेंट, ग्रामीण खेल-कूद और कौशल विकास के माध्यम से स्थानीय समुदायों एवं युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव के माध्यम से उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है।झारखंड स्थापना दिवस पर बोकारो स्टील प्लांट अपने गौरवशाली इतिहास, उत्कृष्ट उपलब्धियों और भविष्य की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं के साथ राज्य एवं राष्ट्र के समग्र विकास के प्रति प्रतिबद्ध है और आने वाले वर्षों में भी उद्योग, अर्थव्यवस्था और समाज में अपने प्रभावशाली योगदान से भारत और झारखंड को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा।

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