भारी बारिश से धान की फसल बर्बाद, किसानों ने की उचित मुआवजे की मांग

कृषि विभाग के गलत रिपोर्ट से किसान असंतुष्ट

 शाहगंज/सोनभद्र।  घोरावल तहसील क्षेत्र में चक्रवात, मोंथा तूफान के असर और भारी बरसात से धान आदि की फसल बर्बाद हो गयी है। खेत तथा खलिहान में फसल सुरक्षित नहीं है। ज्यादातर धान की खड़ी फसलें गिर जाने और खेत में बरसाती पानी भरने के कारण सढ़ रही है।  शेष खड़ी धान की फसलों में अब अंकुर भी आने लगे है। इससे किसानों में चिन्ता दिखने लगी है।  इस सम्बन्ध में ढुटेर गांव के प्रगतिशील किसान रघुनाथ प्रसाद सिंह ने शनिावर को पीड़ा बंया करते हुए बताया कि बेमौसम बरसात से फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। इसको लेकर किसानों में मायूसी दिख रही है। शासन के निर्देश पर कहीं-कहीं कृषि विभाग के कर्मचारी सर्वे कर क्षति का आकलन केवल 15 फीसदी ही लगा रहे है। यह रिपोर्ट पूरी तरह गलत और झूठा है। जबकि हकीकत यह है कि तमाम जगहों पर पचास से सौ  फीसदी तक धान की फसल बर्बाद हुई है। इससे किसानों की कमर टूट गई है। ऐसे में कैसे चलेगी घर गृहस्थी और कैसे होगी कर्ज अदायगी। इस तरह की मौसम की मार पहली बार देखने को मिल रही है। ऐसी दशा में कृषकों ने इस ओर शासन-प्रशासन का ध्यानाकृष्ट कराते हुए कृषि विभाग के पन्द्रह फीसदी फसल क्षति के रिपोर्ट को खारिज कर जिम्मेदार उच्चाधिकारियों की निगरानी में सर्वे कराकर धान की नुकसान हुई फसल का उचित मुआवजा दिये जाने की मांग की है। जिससे सम्बन्धित किसानों को कुछ राहत मिल सके। किसानों ने सूबे के मुख्यमंत्री से भी इस सम्बन्ध में गुहार लगाते हुए सहयोग की अपेक्षा की है।

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