एनटीपीसी सिंगरौली में ”राष्ट्रीय कर्मयोगी व्यापक जन सेवा प्रशिक्षण” कार्यक्रम प्रारंभ

सोनभद्र।एनटीपीसी सिंगरौली में कर्मचारियों के लिए भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना “कर्मयोगी भारत” नामक एक दिवसीय “राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा लार्ज स्केल इंटरवेंशन ट्रेनिंग प्रोग्राम”– प्रारंभ किया गया।  यह कार्यक्रम भारत सरकार की “मिशन कर्मयोगी” पहल के अंतर्गत विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशानुसार आयोजित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (सीपीएसयू) को “राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा लार्ज स्केल इंटरवेंशन (एल एस ई) ट्रेनिंग प्रोग्राम – फेज II” के तहत प्रतिभाग करना आवश्यक किया गया है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पधारे  सिद्धार्थ मंडल, विभागाध्यक्ष (मानव संसाधन) ने कहा कि “इस कार्यक्रम का उद्देश्य सार्वजनिक सेवा में सेवा भाव को विकसित करना, उत्तरदायित्व की भावना को प्रोत्साहित करना, आपसी सहयोग को बढ़ावा देना और नागरिक सेवा वितरण की गुणवत्ता में सुधार लाना है। एनटीपीसी सिंगरौली में हम निःस्वार्थ सेवा और समुदाय-निर्भर विकास के सिद्धांत में विश्वास रखते हैं। ‘कर्मयोगी भारत’ पहल केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह हमारी प्रेरणा है कर्मचारियों को समाज की भलाई के लिए समर्पित करने, नेतृत्व का गुण सिखाने और जिम्मेदारी का एहसास कराने के लिए। हम गर्व महसूस करते हैं कि हम एक ऐसा भविष्य निर्माण कर रहे हैं, जहाँ हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझे और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे।”

कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए डॉ ओम प्रकाश, उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन राजभाषा) ने कहा कि “कार्यक्रम का मूल मंत्र “लोकहितं मम करणीयम्”, जो नागरिकों को उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करते हुए समाज की सेवा में भागीदारी के लिए प्रेरित करता है।”

प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रशिक्षक  सन्नी सेठ, उप महाप्रबंधक (इलेक्ट्रिकल एरेक्शन) ने बताया कि पूरे माह संचालित होने वाले इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनटीपीसी सिंगरोली के सभी कर्मचारी सम्मिलित किए जाएंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को निःस्वार्थ सेवा, प्रभावी संचार कौशल और नेतृत्व के गुणों से सशक्त बनाना है।

प्रशिक्षक मधुरिमा कुमार, वरिष्ठ प्रबंधक (ईएमडी) ने कहा कि कार्यक्रम के मुख्य विषय में कर्मयोग का दर्शन और इसका आधुनिक समाज में महत्व, निःस्वार्थ सेवा के माध्यम से नेतृत्व विकास, सतत विकास एवं सामाजिक कल्याण, प्रभावी जन सेवा और समुदाय के बीच संवाद कौशल शामिल हैं जो कर्मचारियों के व्यक्तित्व विकास में अत्यंत सहायक होंगे।

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