बोकारो स्टील प्लांट के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए वित्त एवं लागत पर विशेष कार्यशाला

बोकारो। सेल, बोकारो इस्पात संयंत्र के संकार्य प्रभाग के मुख्य महाप्रबंधकों (सीजीएम) के लिए वित्त एवं लागत पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन 26 सितंबर को लर्निंग एंड डेवलपमेंट सेंटर में किया गया। इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में अधिशासी निदेशक (वित्त एवं लेखा)  सुरेश रंगानी, अधिशासी निदेशक (मानव संसाधन) सुश्री राजश्री बनर्जी, अधिशासी निदेशक (सामग्री प्रबंधन) सी.आर. मिश्रा, अधिशासी निदेशक (परियोजनाएं) ए. सेनगुप्ता और अधिशासी निदेशक (संकार्य)  प्रिय रंजन उपस्थित थे।

सेल-बोकारो इस्पात संयंत्र के शीर्ष प्रबंधन की पहल पर आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य संयंत्र के सीजीएम स्तर के अधिकारियों में वित्तीय कौशल को सुदृढ़ करना और परिचालन एवं नीतिगत निर्णयों तथा वित्तीय प्रदर्शन के बीच संबंधों से उन्हें अवगत कराना था। अधिशासी निदेशक (वित्त एवं लेखा) श्री रंगानी ने उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बीएसएल के मुख्य महाप्रबंधकों के लिए आयोजित इस कार्यशाला की अहमियत को रेखांकित किया जिन्हें नियमित रूप से नीतिगत निर्णय लेने होते हैं,  जिसका प्रभाव संयंत्र और समग्र रूप से कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर पड़ता है।

अधिशासी निदेशक (मानव संसाधन) सुश्री बनर्जी ने सभी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की पृष्ठभूमि प्रस्तुत की, साथ ही कार्यक्रम की उपयोगिता पर अपने विचार रखे । अधिशासी निदेशक (संकार्य) श्री प्रिय रंजन ने वर्तमान इस्पात उद्योग परिदृश्य पर एक प्रस्तुति दी और बोकारो इस्पात संयंत्र के समक्ष अवसरों और चुनौतियों पर विस्तारपूर्वक अपने विचार साझा किए।

कार्यशाला के विभिन्न सत्रों का संचालन एन.के. सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा), बीएसएल तथा एमटीआई, रांची से एस. मल्लिक ने किया। यह कार्यक्रम एक आम कार्यशाला से आगे बढ़कर प्रतिभागियों को व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए इंटरैक्टिव गतिविधियों, केस स्टडी और लाइव समस्या-समाधान अभ्यासों को शामिल करते हुए डिज़ाइन की गई थी। परिचालन और नीतिगत निर्णयों को वित्तीय प्रदर्शन से जोड़ना विषय पर आधारित इस कार्यक्रम का उद्देश्य वरीय अधिकारियों को बैलेंस शीट, लाभ-हानि विवरण और कैश फ्लो जैसे प्रमुख वित्तीय विवरणों की व्याख्या और उन्हें आपस में जोड़ने, लागत कारकों और लाभप्रदता व निवेश पर उनके प्रभाव को पहचानने, वर्किंग कैपिटल, पूंजी संरचना और उनके निहितार्थों को समझने तथा इस्पात जैसे साइक्लिक, पूंजी-प्रधान उद्योग में प्रभावी निर्णय लेने के लिए वित्तीय अंतर्दृष्टि का उपयोग करने पर केंद्रित था।

सत्रों को इस प्रकार से डिज़ाइन किया गया था कि यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो सके कि उत्पादन और खरीद से लेकर विपणन और निवेश तक, रोज़मर्रा के प्रबंधकीय निर्णय किस प्रकार वित्तीय परिणामों में परिवर्तित होते हैं। प्रतिभागियों ने बेहतर निर्णय-निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार करने के उद्देश्य से समूह अभ्यास में भी भाग लिया।

यह कार्यशाला सेल-बोकारो की नेतृत्व संस्कृति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो वित्तीय रूप से सुदृढ़ नीतिगत निर्णयों के माध्यम से सतत विकास को गति देने और शेयरधारक मूल्य को बढ़ाने में सक्षम हो। धन्यवाद ज्ञापन मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन–ज्ञानार्जन एवं विकास) सुश्री नीता बा ने किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन सहायक महाप्रबंधक (मानव संसाधन–ज्ञानार्जन एवं विकास) अमित आनंद ने किया।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *