रेणुकूट। हिंडाल्को रामलीला परिषद के तत्वावधान में रामलीला के दूसरे दिन की लीला का मंचन अत्यंत भव्यता एवं श्रद्धा भाव से संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि मानव संसाधन प्रमुख जसबीर सिंह एवं श्रीमती सीमा सिंह द्वारा वैदिक विधि-विधान से गणेश पूजन कर मंचन का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस दौरान रामलीला परिषद के अध्यक्ष पी. के. उपाध्याय, सचिव आदित्य प्रकाश पांडे एवं कोषाध्यक्ष पद्माकर मिश्रा मौजूद रहे।
रामलीला मैदान में दर्शकों की भारी उपस्थिति के बीच राजा दशरथ द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ का दृश्य जीवंत रूप से प्रस्तुत किया गया, जिसके फलस्वरूप कौशल्या, कैकेई एवं सुमित्रा को पुत्र रत्नों की प्राप्ति होती है। रामलला के जन्म की शुभ सूचना से सम्पूर्ण अयोध्या में उल्लास की लहर दौड़ जाती है। रामलला के दर्शन हेतु उमड़े श्रद्धालु दर्शकगण “जय श्रीराम” के उद्घोष से मैदान को गूंजायमान कर देते हैं। इसके पश्चात गुरु वशिष्ठ द्वारा चारों राजकुमारों राम, लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न का नामकरण संस्कार संपन्न कराया गया। लीला की अगली कड़ी में गुरु वशिष्ठ के आश्रम में चारों भाइयों की शिक्षा एवं बाल लीलाओं का अत्यंत मनोहारी चित्रण किया गया, जिसे देखकर दर्शक भावविभोर हो उठे। इसके उपरांत मुनि विश्वामित्र के यज्ञ की राक्षसों से रक्षा करते हुए श्रीराम और लक्ष्मण का पराक्रम दर्शाया गया, जो कि अत्यंत सजीव एवं प्रभावशाली रहा। उधर जनकपुर में पड़े भीषण अकाल से ग्रस्त प्रजा की पीड़ा को दर्शाते हुए राजा जनक द्वारा स्वयं हल चलाने का दृश्य मंचित किया गया। इसके पश्चात भूमि से माता सीता के प्राकट्य का दृश्य अत्यंत श्रद्धा एवं भक्ति भाव से प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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