हिंडालको महान में इंजीनियर्स डे 2025 का भव्य आयोजन, सर एम. विश्वेश्वरैया को किया गया याद

युवा इंजीनियरों की उमंग और वरिष्ठ नेतृत्व की प्रेरणा से सजी अनोखी शाम

सिंगरौली। महान एल्युमिनियम में इंजीनियर्स डे 2025 बड़े उत्साह और गरिमामय माहौल में मनाया गया। यह आयोजन केवल उत्सव नहीं, बल्कि उन इंजीनियरों को हार्दिक धन्यवाद था, जिन्होंने संगठन को निरंतर प्रगति और उत्कृष्टता की ओर अग्रसर किया है।

इस अवसर पर भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को याद किया गया, जिनकी तकनीकी दूरदृष्टि और योगदान आज भी देशभर के इंजीनियरों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। सर एम. विश्वेश्वरैया (1861–1962) भारत के अग्रणी अभियंता और योजनाकार थे। कृष्णराज सागर बांध और बाढ़ नियंत्रण प्रणालियों जैसी ऐतिहासिक परियोजनाएँ उनकी तकनीकी प्रतिभा और राष्ट्रनिर्माण में योगदान का प्रमाण हैं। वर्ष 1955 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में इंजीनियरों के सम्मान के साथ कई आकर्षक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। क्विज़ और रैपिड-फायर राउंड ने जहां समारोह को जीवंत बनाया, वहीं पैनल चर्चा में वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने अनुभव और प्रेरणादायक किस्से साझा किए। समारोह का सबसे रोचक पहलू यह रहा कि युवा इंजीनियरों—विशेषकर जीईटी (GETs) और डीईटी (DETs)—ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की और अपनी रचनात्मकता तथा उत्साह से माहौल को ऊर्जा से भर दिया।

इकाई प्रमुख एस. सेंथिल नाथ ने कहा कि इंजीनियर किसी भी औद्योगिक इकाई की रीढ़ होते हैं और उनकी मेहनत तथा दूरदर्शिता से महान एल्युमिनियम आज वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहा है।

पावर प्लांट हेड प्रांजल पाठक ने कहा कि ऊर्जा उत्पादन जैसे जटिल क्षेत्र में इंजीनियरों की सतत निगरानी और नवाचार संयंत्र को दक्ष बनाए रखते हैं। स्मेल्टर हेड एस. शशिकुमार ने कहा कि एल्युमिनियम उत्पादन में इंजीनियरिंग कौशल संगठन की सबसे बड़ी पूंजी है। मानव संसाधन प्रमुख डॉ. विवेकानंद मिश्रा ने कहा कि इंजीनियर केवल तकनीक ही नहीं गढ़ते, बल्कि संगठन की कार्यसंस्कृति और विकास की दिशा भी तय करते हैं। समारोह में उत्कृष्ट योगदान देने वाले इंजीनियरों को रिवार्ड एंड रिकग्निशन से सम्मानित किया गया। यह आयोजन मानव संसाधन विभाग द्वारा आयोजित किया गया और सफल संचालन प्रणव सोनी द्वारा किया गया।

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