महाविद्यालय में हिन्दी दिवस पर भाषण एवं कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन

दुद्धी, सोनभद्र। स्थानीय तहसील मुख्यालय पर स्थित भाऊ राव देवरस राजकीय महाविद्यालय दुद्धी सोनभद्र के सभागार में आज सोमवार को हिंदी दिवस सप्ताह के अवसर पर हिंदी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संगोष्ठी और भाषण कविता पाठ आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. रामसेवक सिंह यादव ने किया । भाषण और कविता पाठ में अखिलेश कुमार ने प्रथम, प्रियंका ध् सिम्मी अग्रहरि ने द्वितीय, एवम दिव्यांका ने तृतीय स्थान प्राप्त किया ।
   मुख्य वक्ता डॉ. गीता ने कहा कि हिंदी साहित्य हमारी भाषा की आत्मा है, जो समाज के विचार, भावनाएं और अनुभवों को अभिव्यक्त करता है। वक्ता डॉ राजेश भारती ने कहा कि हिंदी दिवस हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है, और इसका ऐतिहासिक महत्व भारतीय सांस्कृतिक और भाषायी विरासत से गहराई से जुड़ा है। वर्ष 1949 में, 14 सितंबर के दिन भारत की संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में अपनाया था। यही निर्णय आगे चलकर 1950 में संविधान के अनुच्छेद 343 के अंतर्गत लागू हुआ।
    वक्ता डॉ अजय कुमार ने कहा कि हिंदी न केवल एक भाषा है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और एकता की पहचान है। यह वह सेतु है जो देश के विभिन्न भागों को भावनात्मक रूप से जोड़ता है वक्ता डॉ राजेश यादव ने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और एकता की पहचान है। यह वह भावनात्मक सेतु है जो देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ता है। हिंदी दिवस हमें अपनी मातृभाषा के सम्मान और संरक्षण की प्रेरणा देता है। डॉ प्रियंका जयसवाल ने कहा कि भाषा ज्ञान का माध्यम है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मिथलेश कुमार गौतम ने कहा कि आज हिन्दी दिवस के अवसर पर हम अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी के गौरव और महत्व को नमन करते हैं। हिन्दी न केवल एक भाषा है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक मूल्यों, हमारी सभ्यता और हमारी पहचान का प्रतीक भी है। यह वह माध्यम है जो हमें एकता के सूत्र में बांधती है और विविधताओं में भी एकरूपता लाती है।  प्राचार्य डॉ. रामसेवक सिंह यादव ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा की हिंदी दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए और इसके संवर्धन व प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। आइए, हम सब मिलकर हिंदी को केवल बोलने की नहीं, बल्कि जीने की भाषा बनाएं। इस कार्यक्रम में डॉ. विवेकानन्द, डॉ. सचिन विश्वकर्मा, डॉ. अंकित चन्द्रा सहित कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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