गिरौदपुरी-भंडारपुरी के समन्वित विकास के लिए कार्ययोजना बनाने के दिए निर्देश
रायपुर, / अनुसूचित जाति विकास विभाग के मंत्री गुरू खुशवंत साहेब ने आज मंत्रालय, महानदी भवन में अनुसूचित जाति वर्ग के हितार्थ संचालित योजनाओं के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक ली। पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली बैठक हैं। प्रमुख प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा एवं आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर ने उनका अभिवादन किया।
मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि विभागीय छात्रावास-आश्रमों में अध्ययनरत बच्चों को अध्ययन के दौरान किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। छात्रावासों में अच्छी साफ-सफाई, पौष्टिक भोजन एवं अच्छी शिक्षण व्यवस्था के साथ-साथ बच्चों के शयनकक्ष भी साफ-सुथरे होने चाहिए। छात्रावासों में शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था हो, इस पर विशेषरूप से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को विशेष रूप से छात्रावास-आश्रमों के निरीक्षण किए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग की आस्था के प्रतीक गिरौदपुरी एवं भंडारपुरी के समन्वित विकास हेतु शीघ्र एक कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने रायपुर अथवा आरंग में अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों हेतु पृथक से एक प्रयास आवासीय विद्यालय खोले जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा द्वारा अनुसूचित जातियों के हितार्थ चलाई जा रही योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभाग अंतर्गत संचालित कुल 3357 छात्रावास-आश्रमों में से अनुसूचित जाति वर्ग हेतु संचालित छात्रावास-आश्रमों की संख्यां 485 है एवं इसमें कुल स्वीकृत सीट 26000 हैं इनमें नियमानुसार बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य अनुसचित जाति आयोग, अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी।
आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर ने बैठक में बताया कि जनगणना 2011 के अनुसार प्रदेश में अनुसूचित जातियों का प्रतिशत 12.82 एवं कुल जनसंख्या 32.47 लाख है, जबकि अनुसूचित जातियों की संख्यां 44 है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति में नई उपजाति को जोड़ने अथवा किसी जाति में मात्रात्मक त्रुटि के संबंध में प्राप्त प्रस्ताव का आदिम जाति अनुसधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से गहन अध्ययन पश्चात प्रस्ताव शासन के माध्यम से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया जाता है, जहंा पर नियमानुसार कार्यवाही उपरांत महामहिम राष्ट्रपति महोदय के अनुमोदन पश्चात इसका प्रकाशन राजपत्र में होता है। बैठक में टीआरटीआई संचालक श्रीमती हिना अनिमेष नेताम, उप सचिव श्रीमती सरोजिनी टोप्पो, अपर संचालक श्री जितेन्द्र गुप्ता, आर.एस.भोई एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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