महानगरों के प्ले स्कूल की तरह सुंदर आंगनबाड़ी पहाड़ी कोरवा बस्तियों में

पीएम जनमन योजना के तहत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार विशेष पिछड़ी जनजातियों में बुनियादी सुविधाओं के लिए किये जा रहे नवाचारी कार्य*

रायपुर, मुट्ठी से जिस तरह कोई जुगनू निकल पड़े, देखा उसे तो आंख से आंसू निकल पड़े। पहाड़ी कोरवा बस्तियों की नई पीढ़ी के बच्चे जुगनुओं की तरह उम्मीद की रौशनी से जगमगा रहे हैं। पीएम जनमन योजना के तहत बना जशपुर जिले के ग्राम दर्रीपारा  कुटमा का आंगनबाड़ी केंद्र महानगरों के प्ले स्कूल की तरह नजर आता हैं जहां छोटे छोटे टेबल हैं सामने एक टीवी है, जहां गुलजार का गीत लकड़ी की काठी चल रहा है खेल-खेल के बहाने बच्चों का बाहरी दुनियां से सरोकार हो रहा है।

यह परिवर्तन आया है, पीएम जनमन योजना से। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार पहाड़ी कोरवा बस्तियों में हर संभव सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से यह कार्य हो रहा है। इसी के मुताबिक महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले में इस योजना के तहत 17 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति दी गई है।

कुटमा की आंगनबाड़ी एक छोटे से प्ले स्कूल की तरह है जहां बहुत सारे खिलौने हैं और खेल खेल में ही शिक्षा की अलख जगाई जा रही है, बच्चों को ड्रेस प्रदान की गई है। एक बिल्कुल साफसुथरा व्यवस्थित आंगनबाड़ी केंद्र बना है। बिल्कुल अंदरूनी बसाहटों में भी पीएम जनमन योजना के तहत हो रहे इन कार्यों से बड़ी उम्मीद सामने आती है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में यह आंगनबाड़ी केन्द्र बनकर तैयार हो रहे हैं। कलेक्टर रोहित व्यास ने इन केंद्रों में साफ पानी सहित सभी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित कराई हैं। यहां आरओ वाटर की सुविधा है।

जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार ने बताया कि यहां 6 वर्ष तक के बच्चों को प्रतिदिन गर्म भोजन दिया जाता है और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच की जाती है जिससे सुपोषण के लक्ष्यों को ट्रैक करने के लिए कार्य किया जा रहा है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा ने बताया कि हमारी कोशिश है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चे खेल-खेल में ही सीखें, स्वास्थ्य संबंधी अच्छी आदतें उन्हें सिखायें जिससे वे हमेशा सुपोषित एवं स्वस्थ्य रहें। खाने के पूर्व हाथ धुलाना उन्हें बताया जाता है, ताकि यह उनकी आदत में शामिल हो। 

उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं का फीडबैक बहुत अच्छा है। आंगनबाड़ी केंद्रों के इतने अच्छे माहौल के चलते बच्चे यहां समय गुजारना पसंद करते हैं जिससे उनकी उपस्थिति भी अच्छी खासी बढ़ी है। 

बरसों तक बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही इन बस्तियों में प्रधानमंत्री पीएम जनमन योजना एक नई उम्मीद की तरह है और इसके तेजी से हो रहे क्रियान्वयन के चलते एक पूरी पीढ़ी विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाने को तैयार है।

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