राजभाषा केवल एक दायित्व नहीं, बल्कि संस्था की कार्यसंस्कृति का अभिन्न हिस्सा – मुरलीकृष्ण रमैया
बीसीसीएल में कॉर्पोरेट स्तरीय राजभाषा समिति की तिमाही समीक्षा बैठक का आयोजन
मुख्यालय स्तर पर श्रम शक्ति एवं नियोजन विभाग और क्षेत्रीय स्तर पर लोदना क्षेत्र को प्राप्त हुआ राजभाषा का चल वैजयंती शील्ड
धनबाद। कार्यालयीन गतिविधियों में राजभाषा हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग एवं इसके सफल क्रियान्वयन हेतु कोयला भवन, मुख्यालय में आज बीसीसीएल द्वारा कॉर्पोरेट स्तरीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की तिमाही समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। अध्यक्षता सीएमडी समीरन दत्ता ने की। अवसर पर निदेशक (मानव संसाधन) मुरलीकृष्ण रमैया, महाप्रबंधक (मानव संसाधन) कुमार मनोज, उप-महाप्रबंधक (प्रशासन) सुरेन्द्र भूषण सहित मुख्यालय के सभी विभागों के महाप्रबंधक/विभागाध्यक्ष, सभी क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक (मानव संसाधन), नोडल राजभाषा अधिकारियों के साथ कंपनी के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में सीएमडी श्री दत्ता ने कहा कि राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार और कार्यालयीन गतिविधियों में हिंदी के प्रयोग में बीसीसीएल सदैव अग्रणी रहा है, जिसमें सभी विभागों एवं क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदन रहा है। राजभाषा हिंदी का उन्नयन एवं विस्तार हम सभी का नैतिक कर्त्तव्य है, और हम सभी को इसके लिए पूरे मनोयोग से प्रयास करते रहना चाहिए। हिंदी का प्रयोग हमारी प्रतयेक गतिविधि का हिस्सा होना चाहिए तभी हम सभी हिंदी के उचित प्रचार-प्रसार के अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगें।
कार्यक्रम की शुरुआत अध्यक्ष-सह-प्रबंधक निदेशक समीरन दत्ता के स्वागत अभिनन्दन के साथ हुईं, जिसमें निदेशक (मानव-संसाधन) मुरली कृष्ण रमैया ने श्री दत्ता का अंग वस्त्र, पौधा एवं पुस्तक देकर स्वागत-अभिनन्दन किया। इसी क्रम में महाप्रबंधक (मानव संसाधन) कुमार मनोज ने निदेशक (मानव संसाधन) का पुष्प-गुच्छ एवं पुस्तक देकर स्वागत किया।
बैठक में एजेंडे के अनुसार विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। इसमें पिछली बैठक के कार्यवृत्त का अनुमोदन, बैठक में लिए गए निर्णयों पर की गई कार्रवाइयों की समीक्षा, सभी क्षेत्रों एवं मुख्यालय के विभागों से प्राप्त अप्रैल-जून, 2025 तिमाही की हिंदी प्रगति रिपोर्टों की समीक्षा और ‘राजभाषा पखवाड़ा-2025’ की रूपरेखा एवं आयोजन पर विचार शामिल था। इसके अतिरिक्त, राजभाषा से संबंधित विभिन्न गतिविधियों जैसे कि ‘कोयला भारती के 43 वें अंक के प्रकाशन पर भी चर्चा हुई।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी संबंधित विभाग/क्षेत्र प्रमुख अपने-अपने विभाग/क्षेत्रों के लिए नोडल अधिकारी के साथ मिलकर राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति सुनिश्चित करेंगे और इसकी रिपोर्ट निर्धारित समय पर जमा करेंगे। इस दौरान राजभाषा के समुचित उपयोग एवं उसके समग्र क्रियान्वयन को व्यवस्थित एवं सफल बनाने की दिशा में बैठक में अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। साथ ही, वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम तिमाही के दौरान राजभाषा कार्यान्वयन में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों और विभागों को राजभाषा के चल वैजयंती शील्ड से सम्मानित किया गया। मुख्यालय स्तर पर श्रम शक्ति एवं नियोजन विभाग और क्षेत्रीय स्तर पर लोदना क्षेत्र को उनके उल्लेखनीय योगदान हेतु यह सम्मान प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के समापन-सत्र में निदेशक (मानव संसाधन) मुरलीकृष्ण रमैया ने अपने समीक्षात्मक वक्तव्य में राजभाषा कार्यान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विभागों और क्षेत्रों की सराहना की एवं उन्हें प्रोत्साहित किया। साथ ही, जिन इकाइयों का प्रदर्शन अपेक्षित मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया, उन्हें निदेशित किया कि वे समयबद्ध सुधार सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राजभाषा केवल एक दायित्व नहीं, बल्कि संस्था की कार्यसंस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अनुशासन, समर्पण और पारदर्शिता आवश्यक है। कार्यक्रम की समाप्ति पर सभी विभागों एवं क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने आगामी तिमाही में राजभाषा के क्षेत्र में किये जाने वाले प्रस्तावित गतिविधियों का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया। बैठक का संचालन प्रबंधक (राजभाषा) श्री उदयवीर सिंह ने किया।

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