युक्तियुक्तकरण से ग्रामीण शिक्षा में आया निखार, अड़भार शाला में लौट रही पढ़ाई की रौनक

*राज्य शासन की पहल से गाँवों के बच्चों को मिल रही नियमित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा*

रायपुर,/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर लागू शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की नीति अब ग्रामीण अंचलों में प्रभावी रूप से रंग ला रही है। विकासखंड मालखरौदा के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला उरांवपारा अड़भार इसका प्रत्यक्ष उदाहरण बनकर उभरा है। लंबे समय से केवल एक शिक्षक के भरोसे संचालित इस विद्यालय में अब शिक्षिका श्रीमती कुसुमलता गबेल की पदस्थापना से शिक्षा की गुणवत्ता में स्पष्ट सुधार देखा जा रहा है।

पूर्व में शिक्षक की संख्या सीमित होने के कारण सभी विषयों की पढ़ाई एकसमान नहीं हो पाती थी, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी। लेकिन युक्तियुक्तकरण के तहत हुई नई पदस्थापना से विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियाँ सुचारु रूप से संचालित हो रही हैं। अब बच्चों की पढ़ाई सभी विषयों की नियमित रूप से हो रही है और शिक्षकों से उन्हें बेहतर मार्गदर्शन भी प्राप्त हो रहा है।

विद्यालय के शिक्षक बताते हैं कि राज्य शासन की यह पहल ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में शिक्षा की पहुँच और गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। बच्चों की उपस्थिति में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे स्पष्ट है कि शिक्षा के प्रति उनका जुड़ाव और उत्साह बढ़ा है। यह केवल शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया नहीं, बल्कि हर बच्चे को समान अवसर देने की एक मजबूत आधारशिला है। मातृभाषा में, स्थानीय सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य के साथ और समर्पित शिक्षकों के मार्गदर्शन में जब शिक्षा मिलती है, तो बच्चे अधिक गहराई से सीखते हैं और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर अग्रसर होते हैं। राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण नीति शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करने के साथ-साथ समाज के अंतिम छोर तक ज्ञान की रोशनी पहुँचाने का कार्य कर रही है।

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