धनबाद,। ‘कोयले से परे भी प्रभाव’ की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) ने आज समुदाय विकास के क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण कदम उठाए। कंपनी ने दो परिवर्तनकारी समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनका उद्देश्य अपने संचालन क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाना और स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करना है।
समझौता ज्ञापन-1: स्थानीय युवाओं को उद्योग-उपयोगी कौशल से सशक्त बनाना
बीसीसीएल ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के अंतर्गत आने वाले सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर (CTTC), कोलकाता के साथ साझेदारी की है, जिसके अंतर्गत बीसीसीएल के कमांड क्षेत्र, विशेष रूप से परियोजना प्रभावित परिवारों (PAP) के 250 युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें प्लेसमेंट की भी गारंटी होगी। चयनित युवा (10वीं पास, 12वीं पास और ITI प्रशिक्षित) एक चयन प्रक्रिया के तहत चुने गए हैं। इन्हें देशभर के प्रमाणित केंद्रों पर 10 प्रमुख ट्रेडों में प्रशिक्षित किया जाएगा जैसे: CNC प्रोग्रामिंग, CNC तकनीशियन (मिलिंग व टर्निंग), वेल्डिंग, CAD-CAM, ग्राफिक व वेब डिज़ाइन, आदि। प्रशिक्षण, आवास, भोजन और यूनिफॉर्म सहित सम्पूर्ण खर्च बीसीसीएल द्वारा वहन किया जाएगा। कुल परियोजना लागत: ₹3 करोड़ से अधिक। प्रशिक्षण के बाद 100% प्लेसमेंट गारंटी। इससे पहले के बैच को भी 100% प्लेसमेंट मिल चुका है, जिससे कार्यक्रम की सफलता सिद्ध होती है।
यह पहल बीसीसीएल की “केवल प्रशिक्षण नहीं, बल्कि रोजगार तक पहुंच” की सोच को प्रतिबिंबित करती है, जो युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
समझौता ज्ञापन-2: शिक्षक प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षा में गुणवत्ता सुधार
शिक्षा की बुनियादी गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, बीसीसीएल ने धनबाद की महिला विकास शिक्षण प्रशिक्षण समिति (MVSPS) के साथ एक अन्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कार्यक्रम बीसीसीएल-समर्थित स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के कौशल विकास पर केंद्रित है।
धनबाद की 3 स्कूलों से चयनित 50 शिक्षकों को 6 माह का गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा। चयनित एजेंसी के पेशेवर प्रशिक्षक शिक्षण की आधुनिक तकनीकों, कक्षा प्रबंधन और डिजिटल टूल्स पर आधारित मॉड्यूल प्रदान करेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत सितंबर 2025 से होगी और अध्ययन सामग्री अगस्त मध्य तक वितरित की जाएगी। प्रशिक्षण में मॉन्टेसरी विधि, प्रारंभिक बाल शिक्षा और कक्षा नवाचार पर विशेष ध्यान रहेगा। परियोजना की अनुमानित लागत: ₹18.75 लाख। प्रशिक्षण के बाद प्रभाव मूल्यांकन किया जाएगा जिससे भविष्य की दिशा तय की जा सके।
यह पहल न केवल शिक्षकों को आधुनिक शिक्षा पद्धतियों से लैस करेगी, बल्कि छात्रों के समग्र विकास में भी मददगार सिद्ध होगी।
इन दोनों नई पहलों के साथ-साथ बीसीसीएल पहले से ही कई सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम संचालित कर रहा है, जिनमें शिक्षा और कौशल विकास के लिए प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:धनबाद के 79 स्कूलों में स्मार्ट क्लास व ICT लैब की स्थापना, जो डिजिटल शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।
मल्टी स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (MSDI) के तीन केंद्रों में युवाओं का प्रशिक्षण व रोजगार सुनिश्चित करना।पूर्व में CIPET रांची व CTTC कोलकाता के साथ हुए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 100% प्लेसमेंट की सफलता।
इस अवसर पर बीसीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक समीरन दत्ता ने कहा,
“कोयला खनन हमारा मुख्य कार्यक्षेत्र है, लेकिन हमारी असली ताकत हमारे लोग हैं। इन पहलों के माध्यम से हम अवसर पैदा कर रहे हैं, प्रतिभा को निखार रहे हैं और समुदायों के साथ एक समृद्ध भविष्य की नींव रख रहे हैं।”
बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन, धनबाद में आयोजित समझौता ज्ञापन समारोह में बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता के साथ ही निदेशक (कार्मिक) मुरली कृष्णा रमैया, महाप्रबंधक (HR/CSR) श्री कुमार मनोज, प्रबंधक (HR/CSR) निलांजना चक्रवर्ती, प्रबंधक (CSR) अभिजीत मित्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। CTTC कोलकाता की ओर से प्राचार्य श्री शुभाशीष नाथ एवं श्री रक्तिम मुखर्जी तथा महिला विकास शिक्षण प्रशिक्षण समिति की ओर से डॉ. अरविंदर कौर ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
ये समझौता ज्ञापन न केवल बीसीसीएल को एक अग्रणी कोकिंग कोल उत्पादक के रूप में स्थापित करते हैं, बल्कि देश के कोयला क्षेत्रों में समावेशी विकास और सामाजिक परिवर्तन के प्रेरक के रूप में भी उसकी भूमिका को रेखांकित करते हैं।

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