लखनऊ की शाही मस्जिद की सुरक्षा को लेकर शासन-प्रशासन से शिकायत

लखनऊ लखनऊ के अति संवेदनशील इलाके में स्थित शाही मस्जिद की सुरक्षा को लेकर हाल ही में एक गंभीर शिकायत सामने आई है। राजधानी के राजभवन और विधानसभा गेट नंबर 10 के पास स्थित इस ऐतिहासिक मस्जिद के मुतवल्ली, प्रशासनिक पदाधिकारियों, आसपास के व्यापारिक प्रतिष्ठानों के मालिकों और कर्मचारियों का सघन पुलिस वेरिफिकेशन कराने तथा मस्जिद परिसर के अंदर और बाहर वॉयस रिकॉर्डिंग वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की गई है शिकायतकर्ता राजाजीपुरम निवासी कानूनी अधिकार कार्यकर्ता संजय शर्मा ने मस्जिद परिसर, उसके आसपास और सामने अतिक्रमण व अवैध कब्जे के चलते संदिग्ध गतिविधियों की आशंका जताई है। बकौल संजय सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील इलाके में राजभवन,विधान सभा, विधान परिषद, लोक भवन और बापू भवन के निकट इस मस्जिद के आस-पास कई विधायकों के प्रतिनिधियों, कथित पत्रकारों, कथित समाजसेवियों और कथित आरटीआई एक्टिविस्टों के जमावड़े होते रहने की चर्चाएँ राजधानी लखनऊ में आम हैं हालाँकि इस इलाके में इन समूहों के जमावड़ों के उद्देश्य जांच का विषय
हैं जिसके लिए  उन्होंने व्यापक जनहित में सार्वजनिक रूप से जांच और कार्रवाई की मांग उठाई है l

शिकायत में कहा गया है कि यह मस्जिद सुरक्षा की दृष्टि से अति संवेदनशील इलाके में स्थित है, जहां अतिक्रमण कर कई दुकानें और व्यापारिक
प्रतिष्ठान खुल गए हैं। इनमें संदिग्ध व्यक्तियों के जमावड़े की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। ऐसे में मस्जिद प्रशासन, मुतवल्ली, कर्मचारियों, व्यापारियों और उनके स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी है। साथ ही, मस्जिद के भीतर और बाहर वॉयस रिकॉर्डिंग वाले पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और उनकी फुटेज कम-से-कम दो वर्ष तक सुरक्षित रखी जाए।

शिकायतकर्ता ने हाल ही में मलिहाबाद के मिर्जागंज में विदेशी इशारों पर असलहे और बारूद बनाने के खुलासे का हवाला देते हुए कहा कि राजधानी के सबसे संवेदनशील इलाके में स्थित शाही मस्जिद की सुरक्षा को लेकर तत्काल कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने शासन-प्रशासन से अनुरोध किया है कि उपरोक्त सभी सुरक्षा उपायों को तत्काल लागू कर, की गई कार्रवाई से अवगत कराया
जाए।

गौरतलब है कि लखनऊ की कई ऐतिहासिक मस्जिदों को लेकर पहले भी सुरक्षा और विवाद के मामले सामने आते रहे हैं, जिनमें प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाती रही है। ऐसे में राजधानी की इस महत्वपूर्ण मस्जिद की सुरक्षा को लेकर उठाई गई मांग पर शासन और प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।

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