यज्ञ करने से तीन ऋण से मुक्ति तत्काल हो जाती है – आचार्य सौरभ भारद्वाज

सोनभद्र। राबर्ट्सगंज ब्लॉक के ममुआं गांव में आयोजित श्री अभिषेकात्मक रुद्र महायज्ञ एवं संगीतमय श्री राम कथा प्रवचन के पंचम दिवस में यज्ञ संचालन करता आचार्य  सौरभ भारद्वाज  ने कहा  कि श्री राम कथा जीवन में सबसे उपयोगी है हर मनुष्य योनि में आए हुए लोगों के लिए चार ऋण है, प्रथम देवऋण, ऋषिऋण, पितृऋण, सबसे श्रेष्ठ मातृऋण, अर्थात यज्ञ करने से तीन ऋण से मुक्ति तत्काल हो जाती है जैसे वशिष्ठ जी ने राजा दशरथ को समझाया था । श्री अयोध्या धाम में वशिष्ठ  ने भक्ति के साथ प्रेम के साथ अग्नि देवता को आहुति दिया अपने शिष्य यजमान के कल्याण के लिए अर्थात गुरु आचार्य ब्राह्मण जब समाज में कुरीतियां ज्यादा बढ़ जाए तो केवल यज्ञ करना ही समाज के लिए प्रेरणादायक रहेगा। श्री राम कथा में पधारे मानस राजहंस तुलसी किंकर महाराज ने श्री राम कथा में उपदेश देते हुए बताया कि यज्ञ में जिस प्रकार यजमान का भाव रहता है इस प्रकार यजमान व ग्राम वासियों का कल्याण होता है। यज्ञ के यजमान हेमनाथ देव पांडे प्रतिदिन का यज्ञ भूमि का पूजन एवं आचार्य पूजन कर रहे हैं इसी को धर्म कहते हैं जिससे पूरे से क्षेत्र वासियों को लाभ प्राप्त होगा। यज्ञ के आचार्य  नागेंद्र नाथ मिश्रा एवं यज्ञ करता पंडित दीपेंद्र देव विद्यार्थी ने कहा इस यज्ञ से गांव में विशेष उत्साह है और सभी लोगों को भगवान की कथा से शिक्षा प्राप्त हो रही है इस शुभ अवसर पर पंडित धीरज शास्त्री रोशन शास्त्री विनय चतुर्वेदी आदि लोग मौजूद रहे।

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