सरकारी जमीन पर कब्जे का गंभीर मामला, एक व्यक्ति दो नामों से दर्ज,हाईकोर्ट स्टे से रुकी कार्रवाई

चोपन/सोनभद्र। जनपद में सरकारी ग्राम पंचायत की जमीन पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि ग्राम समाज की बेशकीमती जमीन पर कब्जा करने वाला व्यक्ति एक ही होते हुए भी दो अलग-अलग नामों से सरकारी और न्यायिक रिकॉर्ड में दर्ज है। इस खुलासे के बाद पूरे प्रकरण पर सवाल खड़े हो गए हैं।मामला चोपन थाना क्षेत्र के पटवध अमिला मोड़, पटवध-बसुआरी मार्ग से जुड़ा है। यहां ग्राम पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत मिलने के बाद उप जिलाधिकारी ओबरा ने कार्रवाई के आदेश दिए थे।इसके तहत राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम अतिक्रमण हटाने मौके पर पहुंची, लेकिन इसी दौरान उच्च न्यायालय के स्टे ऑर्डर की जानकारी सामने आने पर कार्रवाई रोकनी पड़ी और टीम को बिना कार्रवाई लौटना पड़ा।इस प्रकरण में सबसे बड़ा सवाल कब्जाधारी की पहचान को लेकर उठा है। जानकारी के अनुसार, कोर्ट में दाखिल मुकदमा सिकंदर शाह के नाम से दर्ज है, जबकि सलखन क्षेत्र के परिवार रजिस्टर और खतौनी सहित अन्य सरकारी राजस्व अभिलेखों में उसी व्यक्ति का नाम अजीमुद्दीन दर्ज पाया गया है। एक ही व्यक्ति के दो नामों से दर्ज होने को लेकर नामों में हेराफेरी का आरोप लग रहा है।भाजपा नेता व कार्यकर्ता दीपक दुबे ने इस पूरे मामले को संदिग्ध बताते हुए दस्तावेजों की गहन जांच की मांग की है। उनका कहना है कि सरकारी जमीन पर कब्जा और एक व्यक्ति की दोहरी पहचान पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करती है और इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है।बताया गया कि इसी ग्राम पंचायत की बैठक में उक्त स्थल पर अन्नपूर्णा भवन और सुलभ शौचालय के निर्माण का प्रस्ताव भी पारित है, लेकिन अतिक्रमण के चलते जनहित से जुड़े कार्य बाधित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पटवध-बसुआरी मार्ग पर अतिक्रमण के कारण आवागमन में भी भारी दिक्कतें होती हैं।

  बड़ा सवाल यह है कि क्या एक ही व्यक्ति दो नामों से सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज होकर कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है और क्या प्रशासन दस्तावेजों की सच्चाई सामने लाकर अवैध अतिक्रमण पर ठोस कार्रवाई करेगा। फिलहाल मामला चोपन थाना क्षेत्र से जुड़ा है और प्रशासन की अगली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

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