तिरंगा हमारी एकता का आधार है,तिरंगा कोई आम झंडा नहीं…

हिंडालको  रेनुसागर  में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का सफल आयोजन

अनपरा (सोनभद्र)। हिंडालको इंडस्ट्रीज लिमिटेड रेनुसागर एवं  फोनिक्स क्लब रेनुसागर के संयुक्त तत्वावधान में भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के सुअवसर पर पैराडाइज प्रेक्षागृह  में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भव्य शुभारंभ हुआ। साहित्य, संस्कृति और काव्य रस से सराबोर इस आयोजन में देश के विभिन्न प्रांतों से पधारे ख्यातिप्राप्त कवियों ने अपनी ओजस्वी, श्रृंगारिक, हास्य-व्यंग्य एवं राष्ट्रप्रेरक रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कवि सम्मेलन का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि हिंडालको रेनुसागर के यूनिट हेड आर पी सिंह सपत्नी विशिष्ठ अतिथि दिशिता महिला मंडल की वरिष्ठ सदस्या इंदु सिंह ,संचालन विभाग के हेड मनीष जैन,मेंटिनेंस विभाग के हेड जगदीश पात्रा एवं एचआर हेड आशीष पांडेय ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलन कर किया।तत्पश्चात अंतर्राष्ट्रीय कवियत्री विभा शुक्ला के वाणी बन्दना “हे माँ सरस्वतीया वीणा मधुर बजा दे ” के साथ प्रारम्भ हुआ।इसके पूर्ब हिंडालको रेनुसागर के यूनिट हेड आर पी सिंह एवं उनकी टीम ने विभिन्न राज्यों से आये हुये कवियों को शाल ओढ़ाकर पुष्प गुच्छ दे कर उन्हें सम्मानित किया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने  हिंदी साहित्य और काव्य परंपरा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों को सांस्कृतिक चेतना के संवाहक बताया। कार्यक्रम को गति प्रदान करते हुये समीर शुक्ला हास्य शिखर फतेहपुर, विभा शुक्ला वाराणसी  ,देवेन्द्र सिंह परिहार ओज कवि छत्तीसगढ़ ने “तिरंगा हमारी एकता का आधार है,तिरंगा कोई आम झंडा नहीं “अपनी कविता पढ़ी तो पूरा सदन तालियों से गड़ गडा उठा , मुकेश मनमौजी टीबी फेम लाफ्टर महाराष्ट्र,सुनील समैया टीबी फेम लाफ्टर, मध्यप्रदेश,बृज किशोर पटेल वरिष्ठ हास्य व्यंग्य कवि इटारसी मध्यप्रदेश , अंतर्राष्ट्रीय कवि कमलेश राज हंस सहित आधा दर्जन से अधिक कवियों ने समसामयिक विषयों, सामाजिक सरोकारों, मानवीय संवेदनाओं और राष्ट्रप्रेम को अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया, जिस पर श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उत्साहवर्धन किया।

पैराडाइज प्रेक्षागृह रेनुसागर में आयोजित यह कवि सम्मेलन न केवल साहित्य प्रेमियों के लिए एक यादगार संध्या साबित हुआ, बल्कि क्षेत्र में साहित्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी रहा। इतना ही नही राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के मंच पर दिशिता महिला मंडल की वरिष्ठ सदस्या इंदु सिंह ने श्रृंगार रस की स्मृति, भावुकता, प्रतीक और दृश्यात्मकता के सामंजस्य में निहित “सुरमई शाम, बीते हँसी लम्हे याद आते हैं” कविता पढ़ते ही स्रोताओं सहित राष्ट्रीय कवियों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के अंत में फोनिक्स क्लब के महासचिव सुधाकर अन्नामलाई एवं सांस्कृतिक सचिव विभु पात्रा ने सभी कवियों एवं उपस्थित श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।कवि सम्मेलन का संचालन अंतर्राष्ट्रीय कवि कमलेश राजहंस ने की और कार्यक्रम का सफल संचालन सलोनी पाल ने की।इस अवसर पर संजय श्रीमाली ,कविता श्रीमाली,अरविंद सिंह ,ललित खुराना,कुंजविहारी दुबे एवं रोहित सक्सेना सहित भारी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।

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