कोयला मंत्रालय की संयुक्त निदेशक राजभाषा द्वारा बीसीसीएल का निरीक्षण

राजभाषा संघर्ष की नहीं, बल्कि स्वीकार्यता की भाषा है -श्रीमती आस्था

निरीक्षण दल द्वारा बीसीसीएल में राजभाषा अनुपालन पर प्रसन्नता व्यक्त किया गया

 धनबाद । गुरुवार को कोयला मंत्रालय की संयुक्त निदेशक (राजभाषा) श्रीमती आस्था द्वारा बीसीसीएल मुख्यालय का निरीक्षण किया गया। इस दौरान उनके साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी मनीष कुमार भी उपस्थित रहे। कोयला भवन आयोजित निरीक्षण- सह-राजभाषा समीक्षा बैठक में निदेशक (मानव संसाधन)  मुरली कृष्ण रमैया, महाप्रबंधक (राजभाषा)  कुमार मनोज, महाप्रबंधक (श्रमशक्ति एवं नियोजन)  अपूर्व कुमार मित्रा, विभागाध्यक्ष (सीएसआर/औद्योगिक संबंध)  सुरेन्द्र भूषण, प्रबंधक (हिंदी)  उदयवीर सिंह सहित कंपनी के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, राजभाषा विभाग तथा राजभाषा संवर्ग के कर्मी उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती आस्था जैन ने कहा कि राजभाषा संघर्ष की नहीं, बल्कि स्वीकार्यता की भाषा है। उन्होंने उल्लेख किया कि देश के सभी भागों में राजभाषा हिंदी व्यापक रूप से बोली और समझी जाती है। अतः हिंदी वह धागा है जो सभी प्रांतीय भाषाओं को मोतियों के समान एकता के सूत्र में पिरोती है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में अनुवाद कार्य करने के लिए अनुवादकों की नियुक्ति की गई है और उनके द्वारा महत्वपूर्ण दस्तावोजों का अनुवाद किये जा रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि सभी भारतीय भाषाओं को सम्मान प्रदान करते हुए राजभाषा हिंदी को लागू किया जाय। निरीक्षण के दौरान श्रीमती जैन ने बीसीसीएल द्वारा राजभाषा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि कंपनी का राजभाषा अनुपालन उत्कृष्ट है और बीसीसीएल निरंतर इस दिशा में अनुकरणीय प्रयास कर रहा है। निदेशक (मानव संसाधन)  मुरली कृष्ण रमैया ने कहा कि बीसीसीएल राजभाषा हिंदी के प्रोत्साहन एवं संवर्धन के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है।  रमैया ने निरीक्षण टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए यह आश्वस्त किया कि कंपनी भविष्य में भी राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु अपने प्रयासों को और अधिक सुदृढ़ करेगी।

निरीक्षण के दौरान राजभाषा विभाग द्वारा अनुपालना से संबंधित विविध दस्तावेज एवं संचिकाएँ प्रस्तुत की गईं। पावरपॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से प्रबंधक राजभाषा उदयवीर सिंह ने बीसीसीएल के राजभाषा कार्यान्वयन एवं उपलब्धियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया। बताया गया राजभाषा में निरंतर उत्कृष्ट क्रियान्वयन के साथ पिछली तिमाही के दौरान भी कंपनी द्वारा 90.63% पत्राचार हिंदी में किए गए। मुख्यालय सहित कंपनी के सभी क्षेत्रों में सभी कार्यालयीन गतिविधियाँ हिंदी में संपादित की जाती हैं। इसके अतिरिक्त बीसीसीएल द्वारा नियमित रूप से राजभाषा पखवाड़ा, हिंदी प्रतियोगिताएँ, कवि सम्मेलन, कार्यशालाएँ, संगोष्ठियाँ, हिंदी पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन सहित विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों को हिंदी में काम करने के लिए टाइपिंग एवं अनुवाद प्रशिक्षण और विभिन्न प्रकार की तकनीकी सुविधाएं भी उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे राजभाषा का समुचित अनुपालन सुनिश्चित हो सके।  

अपने समीक्षात्मक वक्तव्य में कोयला मंत्रालय की संयुक्त निदेशक (राजभाषा) श्रीमती आस्था जैन ने कहा कि बीसीसीएल के राजभाषायी निरीक्षण के दौरान कंपनी के सभी कार्य एवं कार्यप्रणाली श्रेष्ठतम पायी गयी है। कार्यक्रम के समापन सत्र में निदेशक (मानव संसाधन)  मुरली कृष्ण रमैया ने श्रीमती जैन तथा वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी श्री मनीष कुमार को स्मृति-चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में स्वागत संबोधन महाप्रबंधक मानव संसाधन एवं राजभाषा  कुमार मनोज ने किया, धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष (सीएसआर/औद्योगिक संबंध)  सुरेन्द्र भूषण तथा कार्यक्रम का संचालन प्रबंधक (हिंदी)  उदयवीर सिंह ने किया। राजभाषा विभाग के  अनिरुद्ध नोनिया, महेंद्र कुमार सिंह, बंदना देवी एवं मंजू आदि का विशेष सहयोग रहा।

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