जन्मे है राम रघुरैया, अवधपुर में बाजे बधैया: नवाह पाठ महायज्ञ में श्रीराम जन्मोत्सव की दिव्य झांकी

सोनभद्र। श्री रामचरितमानस नवाह पाठ महायज्ञ के द्वितीय दिवस के अवसर पर श्रीराम जन्मोत्सव पूरे श्रद्धा, उल्लास और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। मानस पांडाल राममय हो उठा और “भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी” के दिव्य छंदों के बीच प्रभु श्रीराम के जन्म की भावपूर्ण झांकी प्रस्तुत की गई।व्यास आचार्य सूर्य लाल मिश्र के मुखारविंद से श्रीराम जन्म का प्रसंग जैसे ही प्रवाहित हुआ, पूरा पांडाल भक्तिरस में डूब गया। बाल रूप में श्री सालिक राम को पालने में झुलाया गया और जन्मोत्सव की मनोहारी झांकी ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। यजमान सत्यपाल जैन ने पत्नी रजनी जैन के साथ पालने की डोर थामकर धार्मिक परंपरा का निर्वहन किया।इस अवसर पर राम जन्मोत्सव की झांकी के साथ सोंठ के लड्डू वितरित किए गए, बच्चों को खिलौने बांटे गए और उत्साह के प्रतीक रूप में पटाखे भी छोड़े गए। पूरे परिसर में जय श्रीराम के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया।एक दिन पूर्व रात्रि प्रवचन में गोरखपुर से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक हेमंत त्रिपाठी ने संगीतमय शिव विवाह और नारद मोह की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि शिव विवाह समाज के लिए अनुकरणीय है और भगवान शिव के आचरण से जीवन में मर्यादा और आत्मसम्मान का संदेश मिलता है। उन्होंने यह भी बताया कि परंपराओं का पालन तभी सार्थक है जब वे धर्म और सत्य के अनुरूप हों।श्रीराम कथा के दूसरे सत्र में वाराणसी से पधारे मानस वात्सल्य अनिल पाण्डेय ने नारद मोह की कथा के माध्यम से बताया कि मोह मनुष्य को भ्रमित करता है और जब जीव अहंकार व मोह में बंधता है, तब भगवान उसे आत्मबोध का मार्ग दिखाते हैं। कथा मंच का संचालन आचार्य संतोष कुमार द्विवेदी ने किया।कार्यक्रम में समिति अध्यक्ष सत्यपाल जैन, महामंत्री सुशील पाठक, रविंद्र पाठक, संजय, राजेंद्र केसरी, राधेश्याम केसरी, धर्मवीर तिवारी, भइया चौबे, इंद्रदेव सिंह, मिठाई लाल सोनी, कृपा नारायण मिश्र, पंकज कनोडिया सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। पूरे आयोजन में भक्ति, संस्कार और उत्सव का अद्भुत संगम देखने को मिला।

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