नई दिल्ली, : फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन्स (फियो) ने 23 दिसंबर, 2025 को नई दिल्ली में 9वें और 10वें उत्तरी क्षेत्र निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कारों का आयोजन किया, ताकि भारत के निर्यात विकास में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए उत्कृष्ट निर्यातकों को सम्मानित किया जा सके। ये प्रतिष्ठित पुरस्कार वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने प्रदान किए।
राज्य स्तर पर उत्कृष्टता को पहचानने और उच्च प्रदर्शन करने वाले निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित, फियो के क्षेत्रीय निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार उन उद्यमों का सम्मान करते हैं जिन्होंने उल्लेखनीय विकास, नवाचार, गुणवत्ता के प्रति जागरूकता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा दिखाई है। उत्तरी क्षेत्र, जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और चंडीगढ़ शामिल हैं, भारत के निर्यात प्रदर्शन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने सभा को संबोधित करते हुए पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में उनके लचीलेपन और योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि लगातार वैश्विक अनिश्चितताओं, आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटों और भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद, भारत ने एक मजबूत और लचीला निर्यात प्रदर्शन बनाए रखा है।
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में कुल निर्यात में 5.43 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस अवधि के दौरान मर्चेंडाइज निर्यात बढ़कर 292 बिलियन डॉलर हो गया। निर्यात सेक्टर की मज़बूती 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल करने में और मदद करेगी। यह प्रदर्शन इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग सामान, फार्मास्यूटिकल्स, आईटी सेवाओं, पेट्रोलियम उत्पादों, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसे क्षेत्रों में मजबूत विकास से प्रेरित है, जो भारत की निर्यात टोकरी के विविधीकरण और तकनीकी गहराई को उजागर करता है।
श्री अग्रवाल ने विदेश व्यापार नीति के माध्यम से एक स्थिर और सुविधाजनक नीतिगत माहौल बनाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसमें व्यापार सुविधा, डिजिटलीकरण, अनुपालन बोझ में कमी और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में निर्बाध एकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने व्यापार करने में आसानी और लेनदेन लागत को कम करने में पेपरलेस प्रणालियों के सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डाला।वाणिज्य सचिव ने आगे कहा कि ट्रेड कनेक्ट पोर्टल को जारी रखते हुए, सरकार अनुपालन का बोझ और कम करने के लिए भारत ट्रेड नेट लाने की योजना बना रही है।
उन्होंने यूएई, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, ओमान और न्यूज़ीलैंड के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) के ज़रिए भारत की बढ़ती ग्लोबल ट्रेड भागीदारी के बारे में भी बताया, साथ ही यूरोपियन यूनियन, अमेरिका, इज़राइल, चिली, पेरू और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ बातचीत में हुई महत्वपूर्ण प्रगति का भी ज़िक्र किया।
फियो अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और उनकी उद्यमी भावना और ग्लोबल प्रतिस्पर्धा की सराहना की। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव, सप्लाई चेन में रुकावटें, कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव, और प्रमुख बाज़ारों में आर्थिक मंदी जैसी चुनौतियों के बावजूद, भारतीय निर्यातकों ने अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, पश्चिम एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में उभरते अवसरों का सफलतापूर्वक लाभ उठाया है।
उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग सामान, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, कपड़ा, प्रोसेस्ड फूड, कृषि और ग्रीन टेक्नोलॉजी सहित क्षेत्रों में मज़बूत विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
रीजनल चेयरमैन (उत्तरी क्षेत्र), फियो श्री अरविंद गोयनका ने अपने स्वागत भाषण में, माननीय वाणिज्य सचिव, वरिष्ठ अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों और पुरस्कार विजेताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कपड़ा, हथकरघा, कालीन, खेल के सामान, इंजीनियरिंग सामान, हस्तशिल्प, ऑटोमोबाइल, कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, आईटी सेवाओं और ई-कॉमर्स क्षेत्रों में उत्तरी क्षेत्र के मज़बूत निर्यात आधार पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि उत्तरी राज्यों ने “ज़िलों को निर्यात हब” पहल के तहत राज्य निर्यात संवर्धन नीतियों और ज़िला निर्यात कार्य योजनाओं के साथ सक्रिय निर्यात-आधारित विकास पहलों को अपनाया है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड सहित प्रमुख राज्य सामूहिक रूप से सालाना 70 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निर्यात करते हैं।
उन्होंने बताया कि क्लस्टर विकास, ओपीओडी -लिंक्ड निर्यात, लॉजिस्टिक्स पार्क, और निर्यातक सुविधा सेल जैसी केंद्रित पहलें एमएसएमई, कारीगरों और पहली बार निर्यात करने वालों को वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचने और बड़े पैमाने पर रोज़गार पैदा करने के लिए सशक्त बना रही हैं।
फियो के डीजी और सीईओ डॉ. अजय सहाय ने अपने समापन भाषण में, निर्यातकों के लिए प्रक्रियाओं को मज़बूत करने, उन्नत टेक्नोलॉजी अपनाने, विश्व स्तरीय लॉजिस्टिक्स बनाने और बाज़ारों और उत्पादों में विविधता लाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, 5G विस्तार, डिजिटल पेमेंट, स्थायी विनिर्माण और कुशल मैनपावर में भारत की ताकतें निर्यात वृद्धि के अगले चरण को आगे बढ़ाएंगी और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के विज़न में योगदान देंगी।
9वें और 10वें उत्तरी क्षेत्र निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार 2025 ने उन निर्यातकों की असाधारण उपलब्धियों को सम्मानित किया जिन्होंने भारत के व्यापार विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। फियो ने निर्यातकों को सपोर्ट करने, नए अवसरों को बढ़ावा देने और भारत को एक प्रमुख ग्लोबल ट्रेडिंग देश के रूप में उभरने में मदद करने के लिए सरकार के साथ साझीदारी करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

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