लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत माता के महान सपूत, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी व पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह जी का सम्पूर्ण जीवन अन्नदाता किसानों के लिए समर्पित था। किसानों के मसीहा के रूप में उनकी ख्याति पूरे भारत में थी। चौधरी चरण सिंह देश, गांव और किसान के हित में बेहिचक बोलते थे। उनका कहना था कि ‘जब तक किसान गरीब रहेगा, तब तक भारत अमीर नहीं हो सकता। ग्रामीण भारत ही असली भारत है। भारतवर्ष की समृद्धि का मार्ग देश के खेत एवं खलिहान से होकर गुजरता है।’
मुख्यमंत्री आज यहां पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित ‘किसान सम्मान दिवस’ समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री ने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने प्रगतिशील किसानों, एफ0पी0ओ0 व उन्नत कृषि में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित किया।

उन्होंने ‘मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना’ के अन्तर्गत 25 किसानों को ट्रैक्टर वितरित कर उन्हें झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने भारत रत्न चौधरी चरण सिंह सीड पार्क के प्लॉट आवण्टन की प्रक्रिया का शुभारम्भ भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश और किसानों के प्रति उत्कृष्ट सेवाओं के लिए चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित कर देश के किसानों के गौरव को बढ़ाने का काम किया। राज्य सरकार उनकी सोच को धरातल पर उतारने का कार्य कर रही है। आज चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयन्ती के अवसर पर जब अन्नदाता किसानों को मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना के अन्तर्गत ट्रैक्टर वितरण किया गया, तब उनके चेहरे की चमक देखने लायक थी। जब किसान सर्दी और गर्मी की परवाह के बगैर पसीना बहाता है, तो हमारी खेती अन्न के रूप में सोना उगलने का काम करती है। प्रदेश के अन्नदाता किसानों ने अपनी मेहनत से प्रगति की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी चरण सिंह जी ने कहा था कि ‘जागरूक जनशक्ति ही सफल लोकतन्त्र का आधार है।’ उन्होंने प्रदेश में भूमि सुधार कार्यक्रम लागू किये। जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम के माध्यम से किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बिचौलियों द्वारा किसानों के शोषण को बन्द करवाने के लिए मण्डी अधिनियम पारित कराया। प्रदेश में होल्डिंग अधिनियम में प्रमुख भूमिका का निर्वहन किया तथा पटवारी व्यवस्था का उन्मूलन किया। लघु एवं सीमान्त श्रेणी के किसानों को 03 एकड़ तक के भूखण्ड के लिए भू-राजस्व के भुगतान में छूट दिलाई। उर्वरकों को बिक्री कर से मुक्त कराया। काम के बदले अनाज कार्यक्रम की शुरुआत की। कृषि और ग्रामीण विकास योजना के लिए ऋण उपलब्ध कराने हेतु राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व व मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार ने प्रदेश में विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को दिया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। वर्ष 2017 में सरकार के आने के बाद लघु और सीमान्त किसानों के लिए कृषि ऋण मोचन का कार्यक्रम चलाया। आज किसानों को शासन की प्रत्येक योजना का लाभ प्राथमिकता पर उपलब्ध कराया जा रहा है। परिणामस्वरूप, प्रदेश में धान, गेहूं, चना, सरसों, बाजरा, मक्का का उत्पादन कई गुना बढ़ा है तथा लागत कम हुई है। यही किसान की समृद्धि और मुनाफे का आधार है। अब अन्नदाता किसान की फसल का दाम कोई बिचौलिया तय नहीं करता, बल्कि किसान स्वयं तय करता है। यदि मार्केट में किसान को फसल का अच्छा दाम मिलेगा तो वह मार्केट में बेचेगा,अन्यथा सरकार उसकी फसल को खरीदने का कार्य करेगी।

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