अटल जी की जन्म शताब्दी के अन्तर्गत अभिलेख प्रदर्शनी आयोजित

प्रयागराज। जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में आज भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जन्मशताब्दी समारोह के अंतर्गत क्षेत्रीय अभिलेखागार संस्कृति विभाग प्रयागराज द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्व० अटल बिहारी वाजपेई पर आधारित प्रदर्शनी एवं परिचर्चा का उद्घाटन मुख्य अतिथि भूतपूर्व सैनिक श्याम सुंदर सिंह पटेल एवं लेखराज पटेल एडिशनल चीफ काउंसिल हाईकोर्ट इलाहाबाद ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। इस अवसर पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई से संबंधित चित्रावली, कविताएं, विभिन्न समाचार पत्रों की कटिंग, परमाणु परीक्षण का चित्र, संयुक्त राष्ट्र सभा में भाषण का चित्र, मंचों पर कविता पाठ का चित्र, वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम के साथ चित्र, पारिवारिक सदस्यों का चित्र, विभिन्न राजनयिकों के साथ चित्र, प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण का चित्र, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के साथ चित्र के साथ साथ 15 अगस्त की पुकार, आओ मन की गांठे खोलें, धरती, ऊंचाई, अटल सत्य, एक बरस बीत गया, शीर्षक पर आधारित कविताओं को भी प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय अभिलेखागार कार्यालय प्रयागराज के परिसर में एक परिचर्चा कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें बोलते हुए मुख्य अतिथि श्याम सुंदर सिंह पटेल ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेई बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे, विभिन्न प्रकार के संघर्ष उपरांत आगे चलकर भारत के प्रधानमंत्री बने, परिचर्चा में बोलते हुए लेखराज पटेल ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेई ने संयुक्त राष्ट्र सभा में हिंदी में भाषण देकर भारत के गौरव को बढ़ाया। जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में उन्होंने सारगर्भित विचार रखे। दयानंद सिंह चौहान पूर्व बंदोबस्त अधिकारी ने अटल बिहारी वाजपेई की जीवन यात्रा से संबंधित नये प्रसंगों पर चर्चा की।

कार्यक्रम में रविंद्र कुमार पत्राचार अधिकारी, पत्राचार संस्थान विभाग, मनोविज्ञान शाला प्रशिक्षुगण, जीआईसी के छात्रगण सहायक अध्यापक एवं अध्यापिकाएँ, बृजमोहन सिंह, सुकवि रत्नेश द्विवेदी, संस्कृति विभाग के कलाकार यज्ञ नारायण पटेल, डॉ शाकिरा तलत, विकास यादव, रोशन लाल, अजय मौर्या, शुभम कुमार, सत्यम पाठक आदि की गरिमा में उपस्थिति रहीस कार्यक्रम का संयोजन राकेश कुमार वर्मा प्राविधिक सहायक इतिहास एवं आए हुए समस्त अतिथियों का स्वागत एवं अंगवस्त्रम से सम्मान प्रभारी क्षेत्रीय अभिलेखागार/ पांडुलिपि अधिकारी गुलाम सरवर द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन हरिश्चंद्र दुबे ने किया।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *