बारा। शनिवार को एनटीपीसी अंता परिसर में उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया, जब अचानक सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता तेज़ हो गई। मुख्य प्रवेश द्वारों पर कड़ी निगरानी, संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर, सायरन की आवाज़ तथा कर्मचारियों की नियंत्रित आवाजाही ने पूरे परिसर को अलर्ट मोड में ला दिया।
सूत्रों के अनुसार, परिसर के कुछ संवेदनशील हिस्सों में आपात स्थिति से निपटने की प्रक्रिया तत्काल शुरू कर दी गई। सुरक्षाकर्मी पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात नजर आए, वहीं प्रशासनिक एवं तकनीकी टीमों के बीच तेज़ी से समन्वय स्थापित किया गया। अचानक बदले हालात के कारण कुछ समय के लिए कर्मचारियों एवं परिसर में मौजूद लोगों के बीच चिंता और जिज्ञासा का वातावरण बना रहा। परिसर में मौजूद सभी एजेंसियां किसी भी संभावित आतंकी खतरे की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तत्परता के साथ कार्य करती दिखाई दीं। हालात को देखकर यह स्पष्ट प्रतीत हो रहा था कि सुरक्षा व्यवस्था की एक गंभीर और यथार्थपरक परीक्षा ली जा रही है। इस अभ्यास में राजेश चौधरी , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बारां, हवाई सिंह, उपखंड अधिकारी, अंता, पुष्पेंद्र सिंह आडा, उप पुलिस अधीक्षक, अंता, डॉ. एस. पी. गर्ग खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, राहुल वर्मा , सहायक कमांडेंट सीआईएसएफ एवं बाला सुब्रमण्यम इंस्पेक्टर सीआईएसएफ सक्रिय रूप से शामिल रहे।
ओमेंद्र शेखावत, एएसपी,एटीएस, कोटा के नेतृत्व में मॉक ड्रिल के दौरान त्वरित कार्रवाई एवं सुरक्षा समन्वय का प्रभावी संचालन किया। एनटीपीसी अंता की ओर से मुख्य महाप्रबंधक श्री अनिल बवेजा सहित एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी एवं संविदाकर्मी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और सुरक्षा निर्देशों का पालन करते हुए अभ्यास में सहयोग किया।
बाद में यह स्पष्ट किया गया कि यह कोई वास्तविक आतंकी घटना नहीं थी, बल्कि आतंकी हमले जैसी आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखने हेतु आयोजित एक मल्टी-एजेंसी मॉक ड्रिल थी।

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