आदिम जाति विकास विभाग की अनुकरणीय पहल : छात्रवृत्ति प्रक्रिया के सरलीकरण से लाखों विद्यार्थी हो रहे लाभान्वित

निर्धारित समय में शिष्यवृति, भोजन सहाय और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशिऑनलाइन किए जा रहे हैं जारी

विद्यार्थियों को शैक्षणिक अध्ययन के दौरान होने वाली आर्थिक समस्या से मिल रही निजात
रायपुर,/आदिम जाति विकास विभाग द्वारा राज्य के आश्रम छात्रावासों एवं व्यवसायिक विषयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अध्ययन के दौरान आर्थिक परेशानी न हो इसे दृष्टिगत रखते हुए विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा के मार्गदर्शन में एक अनुकरणीय पहल शुरू की गई है। इसके तहत इन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की राशि समय-सीमा में भुगतान करने के लिए एक प्रणाली तैयार किया गया है, जिसके तहत विद्यार्थियों को आवेदन करते ही तय किए गए समय में ऑनलाईन राशि का भुगतान हो रहा है। इस व्यवस्था से राज्य के लाखों विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है।

गौरतलब है कि राज्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को अध्ययन के दौरान आर्थिक सहयोग प्रदान करने हेतु विभाग द्वारा प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का संचालन राज्य गठन के पूर्व से किया जा रहा है। वर्ष 2015-16 से प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक (कक्षा 11वीं एवं 12वीं) छात्रवृत्ति योजना का संचालन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तथा पोस्ट मैट्रिक (महाविद्यालयीन स्तर) का संचालन आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है।

पूर्व की व्यवस्था अनुसार पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि का अंतरण जनवरी से मार्च के दौरान विद्यार्थियों को ऑनलाइन किया जाता था, जिसके कारण विद्यार्थियों को अध्ययन के दौरान काफी आर्थिक एवं मानसिक पीड़ा से जूझना पड़ता था यहां तक की कुछ विद्यार्थी तो अपनी पढ़ाई भी पूर्ण नहीं कर पाते थे। विद्यार्थियों की इसी पीड़ा को प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं विभागीय मंत्री श्री रामविचार नेताम ने बहुत ही गंभीरता से समझा एवं इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने इस दिशा में एक ऑनलाईन और पारदर्शी प्रणाली की परिकल्पना की और एक सिस्टम तैयार कराया। इससे निर्धारित समय पर स्कॉलरशिप आवेदन से लेकर अप्रूवल और राशि डिस्बर्समेंट किया जा रहा है। प्रमुख सचिव श्री बोरा ने यह भी निश्चय किया कि चालू वर्ष में सभी विद्यार्थी आदेवन करें और उन्हें निर्धारित समय पर छात्रवृत्ति मिले और उन्हें लंबे समय तक छात्रवृत्ति हेतु परेशान न होना पड़े, यह नई प्रणाली माह अप्रैल-मई 2025 से प्रभावी हुई है।  

गौरतलब है कि प्रमुख सचिव श्री बोरा द्वारा विभागीय अधिकारियों की बैठक आहूत कर प्रक्रिया के सरलीकरण किए जाने के निर्देश दिए गए। मुख्यालय स्तर पर आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर योजना की सतत मॉनीटरिंग कर रहे हैं। शासन एवं मुख्यालय स्तर पर किए गए प्रयासों का ही यह प्रतिफल है कि अब छात्रवृत्ति की प्रक्रिया का पूर्ण रूप से सरलीकरण हो गया है। किसी भी छात्र को अब छात्रवृत्ति के लिए ना तो कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहें हैं और ना ही ऑनलाइन आवेदन के बाद ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है।

शिष्यवृत्ति एवं छात्र भोजन सहाय हेतु ऑनलाइन राशि जारी

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा 10 जून 2025 को राज्य में संचालित समस्त प्री. मैट्रिक छात्रावास एवं आश्रमों को शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व शिष्यवृति की प्रथम किश्त राशि 77 करोड़ रूपए एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में अध्ययनरत छात्रों हेतु भोजन सहाय की प्रथम किश्त के रूप में 8.93 करोड़ रूपए, इस प्रकार कुल 85 करोड़ जारी कर एक अभिनव पहल की गई है।

इसी प्रकार 17 सितंबर 2025 को मुख्यमंत्री जी के कर कमलों से 8370 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की राशि 6.2 करोड़ रूपए का अंतरण किया गया। सुशासन की इसी कड़ी में 10 अक्टूबर 2025 को एक लाख 86 हजार 050 विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति की दूसरी किश्त की राशि 79.27 करोड़ रूपए एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के 12142 विद्यार्थियों को 5.38 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है। इस प्रकार कुल राशि 84.65 करोड़ रूपए का आनॅलाईन अंतरण किया गया है। इसके पश्चात् विभाग द्वारा दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु 128030 विद्यार्थियों को राशि 87.88 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया।

अब तक एक लाख 48 हजार 542 विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि 99.46 करोड़ रूपए का एवं एक लाख 86 हजार 50 विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति की राशि 156.27 करोड़ रूपए इस तरह कुल 255.73 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। शासन के इस प्रयास से विद्यार्थियों को शैक्षणिक अध्ययन के दौरान होने वाली आर्थिक समस्या एवं मानसिक परेशानियों से निजात मिली है।

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