सोनभद्र: विपणन विभाग के रॉबर्ट्सगंज धान खरीद केंद्र पर किसानों में भारी आक्रोश देखने को मिला, जब उन्होंने बताया कि इस वर्ष धान सत्यापन की मात्रा घटाकर प्रति बीघा सिर्फ 10 क्विंटल 80 किलो कर दी गई है। इससे किसानों का लगभग 40 प्रतिशत धान सरकारी खरीद से बाहर हो रहा है। किसानों ने याद दिलाया कि पिछले वर्ष यही मानक 16 क्विंटल प्रति बीघा था।किसानों की शिकायत सुनकर राष्ट्रीय लोक दल के जिलाध्यक्ष श्रीकांत त्रिपाठी और पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के नेता गिरीश पाण्डेय मौके पर पहुंचे और खरीद अधिकारी अरुण तिवारी से बात की। खरीद अधिकारी ने स्वीकार किया कि सत्यापन का मानक शासन स्तर से तय होता है और जिले में इसे बढ़ाने का अधिकार नहीं है। संयुक्त रूप से किसान नेताओं ने कड़ी नाराज़गी जताते हुए कहा कि “सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है, लेकिन अफसरशाही किसानों की राह में लगातार बाधा डाल रही है, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” श्रीकांत त्रिपाठी और गिरीश पाण्डेय ने जिलाधिकारी और प्रदेश सरकार से मांग की कि सत्यापन का मानक तुरंत बढ़ाकर पूर्ववत 16 क्विंटल प्रति बीघा किया जाए, ताकि सभी किसानों का धान खरीदा जा सके। उनका कहना है कि यदि सरकार सच में किसानों की आय बढ़ाना चाहती है, तो सत्यापन का मानक बढ़ाकर शत प्रतिशत धान की खरीद ही एकमात्र समाधान है।

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