उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के स्टॉल का उद्घाटन ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा ने किया

ओडिशा के पुरी में 40वें आयटो वार्षिक सम्मेलन की भव्य शुरुआत 

यूपी पर्यटन के स्टॉल पर स्पिरिचुअल ट्रायंगल, इत्र नगरी कन्नौज, दीपोत्सव और रंगोत्सव की झलकियां 

22 से 25 अगस्त 2025 तक आयोजित सम्मेलन में जुटे पर्यटन उद्योग के दिग्गज – जयवीर सिंह 

लखनऊ: इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आयटो) का 40वां वार्षिक सम्मेलन ओडिशा के पुरी में 22 से 25 अगस्त 2025 तक आयोजित हो रहा है। अधिवेशन का शुभारंभ केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। रिजुवेनेट इनबाउंड /2030 थीम पर आधारित इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के स्टॉल का उद्घाटन ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा ने किया। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। 

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 40वें आयटो वार्षिक सम्मेलन में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने अपने विविध पर्यटन आकर्षणों को प्रदर्शित किया। यूपी पर्यटन के स्टॉल पर श्भारत की इत्र नगरीश् कन्नौज, स्पिरिचुअल ट्रायंगल (अयोध्या-काशी-प्रयागराज) और दीपोत्सव से लेकर रंगोत्सव तक के भव्य वार्षिक आयोजनों की झलक प्रस्तुत की गई। आयोजन में देशभर से 1,000 प्रतिनिधि, टूर ऑपरेटर, होटल व्यवसायी और ट्रैवल मीडिया के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन को इस मंच से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच बनाने का अवसर मिलेगा। यह आयोजन एक ऐसा मंच प्रदान कर रहा है, जहां पर्यटन उद्योग के पेशेवरों और सरकारी हितधारकों की भागीदारी के साथ इनबाउंड टूरिज्म के भविष्य पर विचार-विमर्श होगा। उन्होंने बताया, आयटो उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान कर रहा है। आयोजन के दौरान पर्यटन क्षेत्र से जुड़े निवेश, नवाचार और तकनीकी सहयोग जैसे मुद्दों पर भी चर्चा कर रहे हैं।

सम्मेलन के पहले दिन उत्तर प्रदेश पर्यटन मंडप आगंतुकों का मुख्य आकर्षण रहा। प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से इत्र पर्यटन में गहरी रुचि दिखाई। यहां कन्नौज की सदियों पुरानी अत्तर निर्माण परंपरा को घरेलू व अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभवात्मक उत्पाद के रूप में प्रस्तुत किया गया। सम्मेलन के पहले दिन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और नेटवर्किंग सत्रों का भी आयोजन हुआ, जहां उत्तर प्रदेश पर्यटन के अधिकारियों ने अयोध्या के राम मंदिर सर्किट, वाराणसी के रिवर फ्रंट और दुधवा व बुंदेलखंड में इको-टूरिज्म से जुड़ी संभावनाओं पर चर्चा की। आगामी दो दिनों में भी उत्तर प्रदेश पर्यटन अपने प्रचार-प्रसार की गतिविधियां जारी रखेगा।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति उप्र0, मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि आयटो के माध्यम से राज्य सरकार देश के अग्रणी टूर ऑपरेटरों और उद्योग जगत के नेताओं से सीधा संवाद कर रही है। यह पहल केवल धरोहर और स्मारकों के प्रचार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पर्यटन अवसंरचना का विस्तार, निजी निवेश को आकर्षित करना और अनुभवों का विविधीकरण भी शामिल है। उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन, इको टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन, एग्री टूरिज्म, इत्र पर्यटन और एडवेंचर टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं, जो देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस अवसर पर पर्यटन महानिदेशक एवं अतिरिक्त सचिव भारत सरकार सुमन बिल्ला, छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड की चेयरमैन नीलू शर्मा तथा उत्तर प्रदेश पर्यटन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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