निजीकरण के नाम पर हो रहे बड़े घोटाले को रोकने की मांग

 पहलगाम की आतंकी घटना के बाद अगले निर्देश तक विरोध सभा स्थगित

अहरौरा, मिर्जापुर / विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ज्ञापन दो अभियान पखवाड़ा के अंतर्गत आज राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश भर में अनेक विधायकों को और जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए। ज्ञापन के माध्यम से बिजली निजीकरण के नाम पर हो रहे बड़े घोटाले को रोकने की मांग की गई है। पहलगाम आतंकी घटना के बाद संघर्ष समिति ने इस मुद्दे पर कठोर कार्यवाही की मांग की है और सरकार के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए फिलहाल निजीकरण के विरोध में विरोध सभाओं को  अगले निर्देश तक स्थगित कर दिया है।

           संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दृष्टिगत बिजली के निजीकरण के विरोध में हो रही विरोध सभाओं को अगले निर्देश तक स्थगित कर दिया गया है । इस इस मामले में बिजली कर्मी आतंकियों पर कठोर कार्रवाई की मांग करते हैं और केंद्र व राज्य सरकार के साथ अपनी पूरी एकजुटता का प्रदर्शन करते हैं।

        संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आज राजधानी लखनऊ में विधायक नीरज बोरा को ज्ञापन दिया। प्रयागराज में पूर्व मंत्री और विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह को, मऊ में पूर्व मंत्री और विधायक राजेंद्र कुमार को, घोषी के विधायक सुधाकर सिंह तथा मड़िहान में पूर्व ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल को ज्ञापन दिया गया। मिर्जापुर में विधायक रत्नाकर मिश्र को और मझवा में विधायक सूचिस्मिता मौर्य को ज्ञापन दिया गया। इसके अतिरिक्त विभिन्न जनपदों में अनेक पार्षदों , ग्राम पंचायत अध्यक्षों और ग्राम प्रधानों को भी ज्ञापन दिया गया।

        ज्ञापन के माध्यम से संघर्ष समिति ने एक बार पुनः मांग की है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत आने वाले 42 जनपदों  के बिजली के निजीकरण के नाम पर हो रहे घोटाले को तत्काल रोका जाए। संघर्ष समिति ने अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट मे ग्रांट थॉर्टन की नियुक्ति रद्द करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि इस कंपनी से निजीकरण के दस्तावेज तैयार कराकर आगे बढ़ने की कोशिश की तीखी प्रतिक्रिया होगी।

     संघर्ष समिति के ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि बिजली का निजीकरण न रोका गया तो किसानों और आम घरेलू उपभोक्ताओं को सबसे बड़ी चोट पड़ने वाली है। आगरा और ग्रेटर नोएडा का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार 01 अप्रैल 2023 से किसानों को मुफ्त बिजली दे रही है किंतु ग्रेटर नोएडा में कार्यरत निजी कंपनी और आगरा शहर में कार्यरत निजी कंपनी किसानों को मुक्त बिजली की सुविधा नहीं  दे रही  है।

        इसी प्रकार मुंबई में निजी कंपनी आम घरेलू उपभोक्ताओं को 17 से 18 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली देती है, कोलकाता में निजी कंपनी 10 से 12 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली देती है और दिल्ली में निजी कंपनी 8 से 10 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली देती है जबकि उत्तर प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं की अधिकतम दरें 06.50 रुपए प्रति यूनिट है। निजीकरण के बाद आम उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में लगभग तीन गुना इजाफा होना तय है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *